March 12, 2025

प्रख्यात चिकित्सक डॉ. राम चंद्र का निधन, चिकित्सा और समाज सेवा में दिए अविस्मरणीय योगदान

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प्जौनपुर। जिले के मछलीशहर तहसील अंतर्गत ग्राम घोरहा जमालपुर में जन्मे, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. राम चंद्र का 8 मार्च 2025 को महाराष्ट्र के डी. वाई. पाटिल हॉस्पिटल में हृदय रोग की शल्य चिकित्सा के उपरांत निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। अपने पीछे वे एक भरा-पूरा परिवार, हजारों शुभचिंतक, और समाज सेवा की प्रेरणादायक विरासत छोड़ गए।

शिक्षा और चिकित्सा सेवा

01 जनवरी 1955 को जन्मे डॉ. राम चंद्र अपने परिवार के इकलौते पुत्र थे। समृद्ध कृषक परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। कोलकाता मेडिकल कॉलेज से चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अपना चिकित्सालय किसी बड़े शहर में स्थापित करने के बजाय, मछलीशहर चुंगी चौराहा में ग्रामीणों की सेवा के लिए खोला। गरीबों को सुलभ और सस्ता इलाज उपलब्ध कराने के इस संकल्प ने उन्हें अत्यंत लोकप्रिय बना दिया। बीते 45 वर्षों से वे जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर निःस्वार्थ भाव से चिकित्सा सेवा में समर्पित रहे।

समाज सेवा और शिक्षा के प्रति समर्पण

अपने दयालु स्वभाव और कमजोर वर्गों के समर्थन के कारण वे जौनपुर जिले के हर गांव में सम्मानित और लोकप्रिय रहे। चिकित्सा सेवा के साथ-साथ वे शिक्षा के प्रचार-प्रसार में भी सक्रिय रहे और ग्रामीणों को शिक्षित करने हेतु सतत प्रेरित करते रहे। समाज को वे हमेशा एक चिकित्सक की दृष्टि से देखते थे और उनके लिए हर जरूरतमंद इंसान एक समान था।

पारिवारिक जीवन

डॉ. राम चंद्र के पांच पुत्र हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के मुकाम पर पहुंचे हैं—

  1. राजेश यादव (कोलकाता में पारिवारिक व्यवसाय संभाल रहे हैं)
  2. संतोष यादव (महाराष्ट्र में 102 आर.ए.एफ. में असिस्टेंट कमांडेंट)
  3. मनोज यादव (नगर निगम लखनऊ में जोनल अधिकारी)
  4. विनोद यादव (पारिवारिक अस्पताल का संचालन कर रहे हैं)
  5. पंकज यादव (सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, लखनऊ में एसोसिएट प्रोफेसर)

अंतिम यात्रा और श्रद्धांजलि

डॉ. राम चंद्र के निधन का समाचार मिलते ही मुंबई में रहने वाले जौनपुर जिले के सैकड़ों लोग डी. वाई. पाटिल हॉस्पिटल पहुंचे। उनका पार्थिव शरीर लखनऊ एयरपोर्ट लाया गया, जहां नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक और पत्रकारों ने अंतिम दर्शन किए।

उनका अंतिम संस्कार प्रयागराज के रसूलाबाद घाट पर पूर्ण रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। उनके निधन से चिकित्सा जगत और समाज सेवा के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति हुई है।

श्रद्धांजलि

डॉ. राम चंद्र का जीवन समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनकी निःस्वार्थ चिकित्सा सेवा और सामाजिक योगदान को सदैव याद किया जाएगा।

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