उ.प्र. रेरा में ई-कोर्ट्स से हजारों उपभोक्ताओं को मिला न्याय- जाने ख़ासियत

उ.प्र. रेरा ने ई-कोर्ट्स से उपभोक्ता शिकायतों के निस्तारण में रचा कीर्तिमान
देश का पहला नियामक प्राधिकरण बना जिसने पूरी तरह डिजिटल न्याय प्रणाली लागू की
अब तक कुल 58,793 उपभोक्ता शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से 23,149 शिकायतें ई-कोर्ट लागू होने से पहले और 35,644 शिकायतें ई-कोर्ट प्रणाली के तहत दर्ज हुईं।
फरवरी 2020 से अब तक 35,424 से अधिक मामलों का निस्तारण ई-कोर्ट्स से किया जा चुका है। इसमें 7,844 पुराने लंबित मामले भी शामिल हैं।
ई-कोर्ट प्रणाली पूरी तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है – इसमें यूज़र प्रोफ़ाइल बनाने से लेकर शिकायत दर्ज करने, सुनवाई की तारीख तय करने, वर्चुअल सुनवाई, जवाब और दस्तावेज जमा करने, आदेश अपलोड करने, आदेश भेजने, और आदेश के क्रियान्वयन तक सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन होती हैं।
वर्चुअल सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होती है, जिससे लोगों को यात्रा का समय और पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।
लखनऊ / गौतमबुद्ध नगर दिनांक: 23 सितम्बर 2025
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए फरवरी 2020 में ई-कोर्ट प्रणाली लागू की थी। यह व्यवस्था देश में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा पहली बार शुरू की गई थी।
अब तक यूपी रेरा में कुल 58,793 उपभोक्ता शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 23,149 शिकायतें ई-कोर्ट लागू होने से पहले और 35,644 शिकायतें ई-कोर्ट व्यवस्था के तहत दर्ज हुईं। फरवरी 2020 से अब तक 35,424 से अधिक मामलों का निस्तारण ई-कोर्ट्स के माध्यम से किया जा चुका है। इसमें ई-कोर्ट शुरू होने से पहले लंबित 7,844 मामले भी शामिल हैं।
ई-कोर्ट: पूरी तरह डिजिटल न्याय व्यवस्था
ई-कोर्ट्स उपभोक्ताओं को पूरी तरह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हैं। इसमें शिकायत दर्ज करने, दस्तावेज अपलोड करने, वर्चुअल सुनवाई, आदेश प्राप्त करने और आदेशों के क्रियान्वयन तक की सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन होती हैं।
वर्चुअल सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है, जिससे उपभोक्ताओं को यात्रा का समय और पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।
कोविड-19 के दौरान भी जारी रहा न्याय
कोरोना काल (15 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022) में जब पूरे देश में भौतिक सुनवाई बंद थीं, तब भी यूपी रेरा ने अपनी ई-कोर्ट प्रणाली के जरिए 16,549 शिकायतें दर्ज कीं और इनमें से 9,356 मामलों का निस्तारण किया। इस दौरान घर खरीदारों और निवेशकों को किसी प्रकार की देरी नहीं हुई।
उपभोक्ताओं को मिला बड़ा लाभ
ई-कोर्ट्स से उपभोक्ता कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और सुनवाई में वर्चुअली शामिल हो सकते हैं। शिकायत की स्थिति और आदेश सीधे पोर्टल पर उपलब्ध रहते हैं। साथ ही एसएमएस और ई-मेल से अगली सुनवाई की सूचना और वर्चुअल लिंक भेजी जाती है।
यह प्रणाली खास तौर पर उन उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी है जो अन्य राज्यों या विदेशों में रहते हैं। अब उन्हें लखनऊ या गौतमबुद्ध नगर स्थित रेरा कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती।
आदेशों के क्रियान्वयन में सफलता
यूपी रेरा की ई-कोर्ट प्रणाली से आदेशों के क्रियान्वयन (Execution) की भी व्यवस्था है। अब तक उपभोक्ताओं द्वारा लगाई गई आवेदनियों में से लगभग 75 प्रतिशत आदेश सफलतापूर्वक लागू किए जा चुके हैं।
पारदर्शिता और सुविधा
ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने से कागजी कार्यवाही कम हुई।
सुनवाई की तिथि तय करने और मामलों की प्रगति की जानकारी तेज और पारदर्शी ढंग से उपलब्ध होती है।
दिव्यांग और दूरदराज रहने वाले उपभोक्ताओं को भी इसमें आसानी से सुविधा मिल रही है।
डिजिटल सिस्टम से रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है और ई-हस्ताक्षर व एन्क्रिप्शन से सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार::::;;रेरा कानून की धारा 56 के अनुसार उपभोक्ता खुद या फिर किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कॉस्ट अकाउंटेंट, एडवोकेट या अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए अपनी पैरवी करा सकते हैं। इससे उन उपभोक्ताओं को भी मदद मिलती है जो स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते।
यूपी रेरा के अध्यक्ष श्री संजय भूश्रेड्डी ने कहा –
“यूपी रेरा ई-कोर्ट प्रणाली पारदर्शिता और दक्षता पर आधारित है। इसमें उपभोक्ता देश-विदेश के किसी भी स्थान से सुनवाई में शामिल हो सकते हैं। बड़ी संख्या में आवंटी अमेरिका, मिडिल ईस्ट और एशिया के अन्य देशों से वर्चुअली जुड़ते हैं। ई-कोर्ट्स से उपभोक्ताओं और प्रमोटरों को पेशेवर प्रतिनिधि चुनने की स्वतंत्रता भी मिलती है। अब पोर्टल का नया वर्जन 2.0 विकसित किया जा रहा है जिससे प्रणाली और बेहतर होगी।”



