Gonda:वो सिर्फ अफसर नहीं, एक भावना थीं” — गोंडा की जनता की आंखें नम, नेहा शर्मा का तबादला
25 माह का सफर — बदलाव की इबारत, मानवीय प्रशासन की मिसाल

🟣 “वो सिर्फ अफसर नहीं, एक भावना थीं” — गोंडा की जनता की आंखें नम, नेहा शर्मा का तबादला
🗓 गोंडा | 29 जुलाई 2025
“कभी-कभी कोई एक शख़्स पूरे शहर की आत्मा बन जाता है — नेहा शर्मा गोंडा के लिए वही थीं।”
गोंडा जिले की जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा का तबादला होते ही शहर में जैसे एक खालीपन सा महसूस होने लगा है। अब वे प्रभारी महानिरीक्षक निबंधन के रूप में नई जिम्मेदारी संभालेंगी, पर गोंडा की गलियों, चौपालों और नागरिकों के दिलों में उनका स्थान कोई नहीं ले सकेगा।
25 माह का सफर — बदलाव की इबारत, मानवीय प्रशासन की मिसाल
12 जून 2023 से जुलाई 2025 तक का यह 25 महीनों का कार्यकाल, गोंडा के लिए महज़ प्रशासनिक अवधि नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकाल रहा। संवाद, संवेदना और सुशासन के अद्वितीय संगम ने नेहा शर्मा को जनता की ‘जन-जन की डीएम’ बना दिया।
जहाँ अफसरों की पहचान अक्सर फाइलों में सिमट जाती है, वहीं नेहा शर्मा की पहचान लोगों के चेहरों पर मुस्कान और आँखों में विश्वास बनकर दर्ज हुई। चाहे ‘जनता दर्शन’ हो या ‘ग्राम चौपाल’, उन्होंने गोंडा के हर कोने को अपनी उपस्थिति से जीवंत कर दिया।
स्वच्छता से लेकर संवेदना तक
नेहा शर्मा के नेतृत्व में गोंडा ने न सिर्फ स्वच्छता के मायने सीखे, बल्कि उसे आंदोलन में बदला। मोहल्लों की रंग-बिरंगी दीवारें और बच्चों की भागीदारी ने शहर को एक नई ऊर्जा दी।
वनटांगिया गांवों में दीया जलाया, भरोसा जगाया
वनटांगिया समुदाय, जो बरसों से हाशिए पर रहा, उनके नेतृत्व में मुख्यधारा की रोशनी से रोशन हुआ। दीपोत्सव, शक्ति सारथी, शक्ति कैफे, अरगा ब्रांड — ये शब्द अब गोंडा की पहचान हैं।
कर्मचारी बोले—‘हमने अफसर नहीं, मार्गदर्शक खोया’
नेहा शर्मा ने प्रमोशन से लेकर विभागीय संवाद तक हर स्तर पर सुधारवादी सोच को अपनाया। कर्मचारी हों या आमजन, हर किसी ने उन्हें अपना माना।
आज जब उनका तबादला हुआ, तो न सिर्फ प्रशासनिक गलियारों में सन्नाटा था, बल्कि आम नागरिक की आंखों से भी अश्रुधार बह निकली।
गोंडा की ओर से एक ही संदेश — “नेहा मैम, आपने हमें उम्मीद दी, रास्ता दिखाया और कभी न भूलने वाली यादें दीं।”



