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आवारा पशुओं पर सरकार गंभीर नहीं, वाघ बकरी चाय मालिक की मौत के बहाने जमकर बरसे अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई की मौत के बाद एक बार फिर आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया है। अखिलेश ने कहा कि आवारा पशुओं को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। गौरतलब है कि गुजरात के मशहूर कारोबारी पराग देसाई पर अहमदाबाद में मॉनिंग वॉक के दौरान आवारा कुत्‍तों के झुंड ने हमला कर दिया था। जान बचाने के लिए भागते समय सड़क पर फिसलकर गिर गए 50 वर्षीय पराग देसाई को सिर में गंभीर चोटें आई थीं। इससे उन्‍हें ब्रेन हैमरेज हो गया और अहमदाबाद के एक अस्‍पताल में उनकी मौत हो गई।

अखिलेश यादव ने अहमदाबाद की इस घटना के बहाने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। बता दें कि वह यूपी में आवारा पशुओं का मुद्दा उठाते रहते हैं। इसे लेकर वह आए दिन योगी सरकार पर तंज कसते रहे हैं। अब अहमदाबाद में कारोबारी पराग देसाई की मौत के बाद उन्‍होंने सरकार को घेरा है। उन्‍होंने कहा कि यूपी में तो आईएएस अधिकारियों तक को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए केवल काग़ज़ों पर ही तैनात किया गया। ये समस्या गहरी है और हर दिन जानलेवा साबित हो रही है। अखिलेश का कहना है कि आवारा पशुओं की समस्‍या को लेकर बीजेपी की सरकारें गंभीर नहीं है। पराग देसाई की मौत इसका उदाहरण है।

अपने एक्‍स अकाउंट पर सपा मुखिया ने लिखा- ‘गुजरात के जाने-माने युवा उद्योगपति श्री पराग देसाई जी की आवारा पशुओं के हमले के कारण हुई मृत्यु अत्यंत दुखद है। श्रद्धांजलि! ये दुर्घटना इन अर्थों में दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘आवारा पशुओं की समस्या’ को लेकर ये सरकार गंभीर नहीं है। चुनावी जुमले की तरह इस समस्या से निपटने का वादा तो किया गया लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। यहां तक कि यूपी में आईएएस अधिकारियों तक को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए केवल काग़ज़ों पर ही तैनात किया गया। ये समस्या गहरी है और हर दिन जानलेवा साबित हो रही है। इस समस्या को सुलझाने की आवश्यकता अब अपरिहार्यता बन गयी है।’

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