नगर आयुक्त हों तो ऐसे—छह किलोमीटर पैदल चलकर शहर को परखा, अफसरशाही को दिया कर्मठता का सबक

नगर आयुक्त हों तो ऐसे—छह किलोमीटर पैदल चलकर शहर को परखा, अफसरशाही को दिया कर्मठता का सबक
लखनऊ। कुर्सी पर बैठकर आदेश देने वाली अफसरशाही के दौर में यदि कोई अधिकारी सड़कों पर उतरकर, पसीना बहाकर व्यवस्थाओं की हकीकत परखता है, तो वह केवल निरीक्षण नहीं करता—वह उदाहरण गढ़ता है। नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया।
25 दिसंबर को भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर घैला स्थित प्रेरणा स्थल में आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम एवं स्वच्छ सर्वेक्षण 2025–26 की तैयारियों को परखने के लिए नगर आयुक्त ने लगभग 6 किलोमीटर पैदल चलकर निरीक्षण किया। नेशनल पीजी कॉलेज से लेकर कुड़िया घाट तक का यह पैदल निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण रहा ,जहां आमतौर पर निरीक्षण गाड़ियों की खिड़की से पूरे हो जाते हैं, वहीं नगर आयुक्त ने सड़क, फुटपाथ, नालियां, स्ट्रीट लाइट, अतिक्रमण और सफाई व्यवस्था को पैदल चलकर देखा, समझा और मौके पर ही अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने दो टूक कहा—
“स्वच्छ सर्वेक्षण केवल रैंकिंग का खेल नहीं, यह शहर की आत्मा से जुड़ा विषय है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
उन्होंने निर्देश दिए कि:
पूरे मार्ग पर नियमित और गहन सफाई सुनिश्चित की जाए
कूड़ा-कचरा समय से उठे, नालियां पूरी तरह साफ हों
खराब स्ट्रीट लाइटों को तत्काल दुरुस्त किया जाए
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और गड्ढों की भराई तुरंत हो
फुटपाथ और सड़कें अतिक्रमण मुक्त रखी जाएं
नगर आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के आगमन और अटल जी की जयंती जैसे ऐतिहासिक अवसर पर लखनऊ की छवि पूरे देश के सामने जाएगी। ऐसे में शहर का स्वच्छ, सुंदर और सुव्यवस्थित दिखना सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, सम्मान का विषय है।
यातायात, पार्किंग और आमजन की सुविधा को लेकर अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर ठोस कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है, ताकि कार्यक्रम के दिन किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
👉 नगर आयुक्त का यह पैदल निरीक्षण न केवल शहर की व्यवस्था सुधारने की पहल है, बल्कि उन अधिकारियों के लिए भी एक साफ संदेश है—कि फाइलों से बाहर निकलकर, जमीन पर उतरकर काम करना ही सच्ची प्रशासनिक निष्ठा है।



