Gondaउत्तर प्रदेश

गोंडा में पारदर्शिता की मिसाल: जिलाधिकारी नेहा शर्मा का सराहनीय निर्णय, पात्र वेंडरों की होगी दोबारा जांच

संयुक्त टीम करेगी पुन: सत्यापन

रितेश श्रीवास्तव—-


गोंडा में पारदर्शिता की मिसाल: जिलाधिकारी नेहा शर्मा का सराहनीय निर्णय, पात्र वेंडरों की होगी दोबारा जांच

गोंडा, 22 जुलाई 2025:
शहरी विकास और छोटे दुकानदारों के हित में पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नगर पालिका परिषद द्वारा गोंडा में स्थापित तीन मॉडल वेंडिंग जोन में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया अब और अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी होगी। इसके तहत पात्र घोषित किए गए 581 आवेदकों का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा, ताकि किसी भी अपात्र व्यक्ति को दुकान न मिल सके।

संयुक्त टीम करेगी पुन: सत्यापन

नगर पालिका परिषद द्वारा प्राप्त 1600 से अधिक आवेदनों में से प्रथम चरण में 581 लोगों को पात्र घोषित किया गया था। यह सूची सार्वजनिक रूप से नगर पालिका कार्यालय में चस्पा की जा चुकी है और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 निर्धारित है।
अब जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियों के अतिरिक्त सभी पात्र आवेदनों की भी पुन: जांच की जाएगी, जो राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों की संयुक्त टीम द्वारा की जाएगी।

105 दुकानों के लिए गहन प्रक्रिया

तीन प्रमुख वेंडिंग जोन में कुल 105 दुकानों के लिए यह आवंटन प्रक्रिया चलाई जा रही है:

  • सिंचाई विभाग ऑफिसर्स फील्ड हॉस्टल से बाउंड्री तक – 40 दुकानें
  • गांधी पार्क मेन गेट से एलबीएस चौराहा तक – 34 दुकानें
  • नेकी की दीवार से जीआईसी गेट, बहराइच रोड तक – 31 दुकानें

प्रत्येक दुकान के लिए ₹15,000 प्रीमियम निर्धारित किया गया है। यह योजना असंगठित दुकानदारों को स्थायी व्यापारिक स्थान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

23 और वेंडिंग जोन जल्द होंगे विकसित

नगर पालिका परिषद द्वारा कुल 23 वेंडिंग जोन चिन्हित किए जा चुके हैं, जिन्हें आगामी चरणों में मॉडल वेंडिंग जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार, अस्थायी व्यापारियों को स्थिरता और शहरी स्वरूप में अनुशासन आएगा।

स्थायी विकास के लिए ठोस निगरानी व्यवस्था

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वेंडिंग जोन का संचालन वेंडर मैनेजमेंट कमेटी एवं नगर पालिका परिषद की निगरानी में किया जाएगा। यह कदम दीर्घकालिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा और गोंडा में शहरी विकास की दिशा में स्थायी सुधार की नींव रखेगा।


यह निर्णय न केवल प्रशासन की पारदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि छोटे दुकानदारों और स्ट्रीट वेंडर्स के हितों की सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है।

🟢 गोंडा नगर की शहरी व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में यह पहल निश्चित ही एक सकारात्मक बदलाव लाएगी।


 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button