हंगामे के साथ नगर निगम का बजट हुआ पास — पार्षदों को मिली खुली छूट, महापौर ने काटी खुद की निधि!
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नगर निगम का बजट बना चर्चा का विषय — पार्षदों को मिली खुली छूट, महापौर ने काटी खुद की निधि!
लखनऊ, 15 अप्रैल:
लखनऊ नगर निगम के 2025-26 के बजट सत्र ने इस बार सबको चौंका दिया! मंगलवार को सदन में पेश किया गया बजट न सिर्फ सर्वसम्मति से पास हुआ, बल्कि इसमें कुछ ऐसे दिलचस्प फैसले लिए गए जिन्हें सुनकर जनता भी कह उठी — वाह मेरे निगम!
सबसे बड़ी खबर ये रही कि महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने खुद की निधि में कटौती कर दी, जबकि पार्षदों की निधि को सीधे 150 लाख से 210 लाख रुपये कर दिया गया! अब हर पार्षद अपने वार्ड में सड़क से लेकर शव वाहन तक, और पार्क से लेकर पक्के पुल तक सब कुछ करवा सकेंगे – वो भी अपनी मर्जी से!
अब पार्षद निधि में कोई बंधन नहीं, जो चाहे जहाँ खर्च करो — पैचवर्क से लेकर ई-रिक्शा और कॉफिन तक का पूरा खर्च शामिल! इससे जनता को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।
बजट में और क्या है खास?
- शमशान घाटों का कायाकल्प: ₹10 लाख से सीधा ₹100 लाख
- पार्कों में हरियाली की बारिश: ₹200 लाख से ₹600 लाख
- स्कूलों को मिली ताकत: 5 गुना बढ़ा बजट, ₹500 लाख
- डिजिटल लखनऊ की रफ्तार: ई-ऑफिस और कंप्यूटरीकरण को ₹400 लाख
पारदर्शिता का नया फॉर्मूला: अब यूजर चार्ज सीधे गृहकर से लिंक होगा — मतलब टैक्स देंगे, तो हिसाब-किताब भी साफ मिलेगा।
कुल बजट की बात करें तो:
- कुल बजट: ₹4,30,453.60 लाख
- प्रस्तावित व्यय: ₹3,30,786.05 लाख
सदन की बैठक में महापौर, नगर आयुक्त, कार्यकारिणी उपाध्यक्ष, पार्षदगण, और नगर निगम के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने बजट को “जनता के लिए जीत का बजट” बताया।
तो अब देखना ये होगा कि ये बजट सिर्फ कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर भी विकास की गूंज सुनाएगा या फिर अगले सत्र में फिर से गूंजेगा – हंगामा है क्यों बरपा?