सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा, तांत्रिक की घिनौनी साजिश आई सामने

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा, तांत्रिक की घिनौनी साजिश आई सामने
सीतापुर | 10 अप्रैल 2025 – जनपद सीतापुर में चर्चित पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस हत्याकांड की जड़ें एक स्थानीय मंदिर में पनप रहे अनैतिक और घिनौने कृत्यों से जुड़ी पाई गई हैं। पुलिस की 12 टीमों, सर्विलांस, एसओजी और फील्ड यूनिट के संयुक्त प्रयासों से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
हत्या के पीछे मंदिर से जुड़ा काला सच
महोली क्षेत्र के कार्यदेव मंदिर में रहने वाला बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौर, जो स्वयं को तांत्रिक और ज्योतिषाचार्य बताता था, नाबालिग लड़के के साथ यौन शोषण और समलैंगिक संबंधों में लिप्त था। जांच में सामने आया कि पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी ने फरवरी माह में विकास को मंदिर परिसर में एक नाबालिग के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था।
राघवेंद्र द्वारा इस घिनौने सच को उजागर करने की आशंका से भयभीत होकर बाबा शिवानंद ने उनकी हत्या की साजिश रच डाली।
4 लाख में दी गई सुपारी, दो शूटरों की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार, बाबा शिवानंद ने अपने आपराधिक संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए दो स्थानीय अपराधियों — निर्मल सिंह और असलम गाजी — को हत्या की सुपारी दी। इन दोनों ने 4 लाख रुपये में सौदा तय किया और आगे दो पेशेवर शूटरों को 3 लाख रुपये देकर हत्या करवाई।
8 मार्च 2025 को दोपहर करीब 3 बजे राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध बाइक सवारों को वारदात से पहले और बाद में पीछा करते हुए देखा गया। पुलिस ने मुख्य शूटरों की पहचान कर ली है, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।
गिरफ्तारी और बरामदगी
गिरफ्तार आरोपियों से बड़ी मात्रा में नकदी और बहुमूल्य सामान बरामद किया गया है:
- बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौर: दो मोबाइल, सोने-चांदी के आभूषण, रियलमी मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान।
- निर्मल सिंह: ₹17,000 नगद और वीवो मोबाइल।
- असलम गाजी: ₹15,000 नगद और सैमसंग DUOS मोबाइल।
पुलिस की जांच में तत्परता और सफलता
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र के निर्देशन में जांच टीमों ने फील्ड यूनिट द्वारा सीन रिक्रिएशन, 100 से अधिक व्यक्तियों से पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण और डिजिटल साक्ष्य के आधार पर घटना का सफल अनावरण किया।
निर्मल सिंह पर पहले भी हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं, जिससे उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की पुष्टि होती है।
पत्रकारिता पर हमला, लेकिन न्याय की उम्मीद बाकी
यह घटना न केवल एक हत्या है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता पर किया गया हमला भी है। राघवेंद्र वाजपेयी अपने साहस और सच्चाई की खोज के लिए जाने जाते थे। उनकी हत्या ने जनपद भर में आक्रोश और शोक की लहर पैदा कर दी है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मुख्य शूटरों की गिरफ्तारी के बाद मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। जांच जारी है और पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि यदि किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है तो उस पर भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी