144 साल बाद संपन्न हुआ दिव्य और भव्य महाकुंभ, बने कई महारिकॉर्ड, दुनिया ने की सराहना!
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144 साल बाद संपन्न हुआ दिव्य और भव्य महाकुंभ, बने कई महारिकॉर्ड, दुनिया ने की सराहना!
प्रयागराज। 144 साल बाद आयोजित हुआ विशेष महाकुंभ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व रहा। आस्था, संस्कृति और भव्य आयोजन के इस महासंगम ने कई महारिकॉर्ड बनाए, जिन्हें देखकर दुनिया भी चकित रह गई। विशाल जनसैलाब, अतुलनीय इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और स्वच्छता के मामले में यह महाकुंभ एक नया मानदंड स्थापित कर गया।
महाकुंभ में बने ऐतिहासिक महारिकॉर्ड
✔ श्रद्धालु: इस महाकुंभ में 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो अमेरिका की कुल जनसंख्या से दोगुना है।
✔ इन्फ्रास्ट्रक्चर: लगभग 4,000 हेक्टेयर में फैला मेला क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 160 गुना बड़ा था।
✔ कुंभ सिटी: मेला क्षेत्र में 4 लाख से अधिक तंबू और 1.5 लाख टॉयलेट बनाए गए, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
✔ ट्रांसपोर्टेशन: इस दौरान 13,830 ट्रेनों से 30.2 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, वहीं 2,800 से अधिक फ्लाइट्स प्रयागराज आईं, जिनमें 4.5 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की।
✔ सुरक्षा: 50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी और 2,700 हाई-टेक कैमरे महाकुंभ की सुरक्षा में तैनात रहे, जिससे कुंभ पूरी तरह सुरक्षित रहा।
✔ हेल्थ सुविधाएं: मेला क्षेत्र में 43 हॉस्पिटल बनाए गए, जहां 6 लाख से अधिक लोगों का इलाज किया गया।
✔ स्वच्छता: महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए 4 लाख डस्टबिन लगाए गए और 11,000 से अधिक सफाई कर्मियों ने लगातार स्वच्छता का ध्यान रखा। हर 25 मीटर पर एक डस्टबिन लगाया गया।
✔ आर्थिक प्रभाव: अनुमान के मुताबिक, इस महाकुंभ में 3 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिससे क्षेत्रीय व्यापार को बड़ी मजबूती मिली।
महाकुंभ की भव्यता पर दुनियाभर की नजरें
इस अभूतपूर्व आयोजन की सफलता पर विश्वभर के मीडिया और विशेषज्ञों ने सराहना की है। आयोजन की व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर इसकी तुलना विश्व के सबसे बड़े आयोजनों से की जा रही है।
इस भव्य महाकुंभ ने न केवल भारतीय संस्कृति की शक्ति को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि जब श्रद्धा और प्रशासन एक साथ काम करें, तो इतिहास रचा जा सकता है!