सपा-कांग्रेस की लड़ाई अमेठी और रायबरेली तक पहुंची, अखिलेश ने कांग्रेस और गांधी परिवार को दी बड़ी धमकी

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मोदी सरकार को हराने के लिए बने इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आपस में ही भिड़ गए हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिले धोखे के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बदला लेने की तैयारी शुरू कर दी है। अखिलेश यादव ने गुरुवार को ही कह दिया था कि जैसा व्यवहार कांग्रेस करेगी वैसा ही हमारी तरफ से भी होगा। शुक्रवार को अखिलेश ने धमकी वाले अंदाज में गांधी परिवार की परंपरागत सीटों अमेठी और रायबरेली को लेकर आगाह कर दिया। इन दोनों सीटों पर सपा लगातार कांग्रेस को सपोर्ट करती रही है। गठबंधन नहीं होने पर भी इन सीटों पर सपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है। अखिलेश ने कांग्रेस से यह भी कहा कि अगर आप किसी भ्रम में हैं तो बीजेपी से मुकाबला में सफल नहीं हो सकते हैं।
शुक्रवार को शाहजहांपुर में पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कांग्रेस यूपी अध्यक्ष अजय राय बिना नाम लिये कहा कि कांग्रेस के एक नेता आजमगढ़ को लेकर सपा पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे थे। आजमगढ़ का सपा से गहरा रिश्ता है। अगर वे आज़मगढ़ पर कोई टिप्पणी करते हैं, तो उन्हें भी सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि आजमगढ़ से सपा का उतना ही भावनात्मक लगाव है जितना कांग्रेस का शायद अमेठी और रायबरेली से है। लेकिन हमने कभी भी अमेठी और रायबरेली पर कोई टिप्पणी नहीं की। इसलिए उन्हें सतर्क रहना चाहिए क्योंकि उनका भी अमेठी रायबरेली से उतना ही भावनात्मक लगाव है।
अजय राय ने गुरुवार को कहा था कि अखिलेश यादव इतने मजबूत हैं तो वे भाजपा के हाथों आजमगढ़ कैसे हार गए। अखिलेश यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव आज़मगढ़ से जीता था लेकिन जून 2022 के उपचुनाव में यह सीट भाजपा से हार गई। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी 2014 में आजमगढ़ से चुनाव जीता था।