लखनऊ

नगर निगम सदन में हंगामा: सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदो ने उठाई आवाज़

हर वार्ड को मिलेगा 1.10 करोड़, महापौर ने दिए कई मामलों की जांच के आदेश

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज


नगर निगम सदन में हंगामा: सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदो ने उठाई आवाज़

हर वार्ड को मिलेगा 1.10 करोड़, महापौर ने दिए कई मामलों की जांच के आदेश

लखनऊ। गुरुवार को नगर निगम लखनऊ की सदन बैठक महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में 110 में से 94 पार्षद मौजूद रहे। महापौर ने घोषणा की कि शहर के सभी वार्डों में विकास कार्यों के लिए अब एकमुश्त 1 करोड़ 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

करीब 6 घंटे चली इस बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। पार्षदों के विरोध के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोबारा शुरू होने पर सफाई व्यवस्था, टेंडर प्रक्रिया, आउटसोर्सिंग और घोटालों जैसे मुद्दे छाए रहे।

नगर आयुक्त की चुप्पी पर नाराजगी

बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा नगर आयुक्त के रवैये पर रही। महापौर ने दर्जनों बार उन्हें मंच से बुलाया, लेकिन बगल में बैठे नगर आयुक्त बार-बार अपने अधीनस्थों को ही बुलाते रहे। आखिरकार उन्होंने मात्र एक मिनट में सभी सवालों का जवाब देकर अपनी बात खत्म की, जिससे पार्षदों में असंतोष और बढ़ गया।

सफाई कंपनियों पर कार्रवाई की मांग

सदन में पार्षदों ने लखनऊ की सफाई व्यवस्था को लेकर रैमकी और LSA कंपनी की लापरवाही को उजागर किया। पार्षदों ने इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की जोरदार मांग की। इस पर महापौर ने जांच के आदेश जारी कर दिए।

बीजेपी पार्षद विपक्ष की ओर बैठे

सदन का माहौल उस समय और गरमा गया जब पहले बीजेपी खेमे में दिखने वाले पार्षद मुकेश सिंह मोंटी विपक्ष के साथ बैठते नजर आए। उन्होंने बैठक शुरू होते ही टेंडर प्रक्रिया की अनियमितताओं पर सवाल उठाए। वहीं, पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने आरआर विभाग के चालकों और कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग पर गंभीर प्रश्न उठाए और जांच की मांग रखी।

कांग्रेस पार्षदों का हंगामा

कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह और ममता चौधरी ने विधायक राजेश्वर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए सफाई व्यवस्था संबंधी शिकायत पत्र का हवाला देकर सदन में हंगामा मचाया। इस पर बीजेपी पार्षद बचाव में उतर आए और सदन का माहौल काफी देर तक गर्म रहा।

जोन 4 में होटल टैक्स का मामला उठा

सदन में टैक्स को लेकर पार्षद शैलेंद्र वर्मा ने खुलासा किया कि गोमती नगर के एक होटल की एनुअल रेंटल वैल्यू (ARV) पिछले 8 वर्षों में कई बार बदली गयी

उन्होंने कहा कि कर अधीक्षक लंबे समय से जोन पर कब्जा जमाए हुए हैं और मलाईदार क्षेत्रों के आका बने बैठे हैं।

हालांकि, जोनल अधिकारी संजय यादव ने इस मामले पर सरकार के नए गजट का हवाला देकर रिवाइजेशन का कारण बताया। बावजूद इसके, महापौर सुषमा खर्कवाल ने मामले की तत्काल जांच के आदेश दे दिए।

 

पर्यावरण अभियन्ता संजीव प्रधान को हटाने की माँग हुई तेज

सदन में कार्यवाई के दौरान पार्षदो ने पर्यावरण अभियन्ता संजीव प्रधान पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मूल पद क्या है यह सदन को बताया जाए इनके पास कई अहम विभाग है जो कि इनसे संभाला नही जा रहा ,हार्टिकल्चर के निस्तारण पर गोलमाल जवाब मिलने पर पार्षदो ने पर्यावरण अभियन्ता को हटाने की माँग की

नालियों से निकले सिल्ट का मामले ने पकड़ा तूल

शहर की नालियों में जमा सिल्ट कहा जायेगा और कौन उठाएगा इस पर बड़ा सवाल पार्षदो ने उठाया जिस पर LSA को कटघरे में जवाब देने के लिए खड़ा होना पड़ा , LSA के प्रतिनिधि ने कहा कि नाले नालियों की सिल्ट और हार्टिकल्चर वेस्ट को शिवरी प्लांट में नही लिया जाता है जिसकी वजह से कार्य करने में दिक्कत होती है जिस पर महापौर ने पर्यावरण अभियन्ता व समपत्ति विभाग को जवाब देने को कहा , जवाब में नगर निगम की लो लैंड के बारे में जोंनल अधिकारी संजय यादव ने जानकारी दी जिस पर पार्षदो ने सवाल उठाया कि जब इतनी दूरी पर लैंड दिया जाएगा तो दिन भर ने एक ही राउंड गाड़ियों का लग पायेगा ऐसे में आस पास लैंड की ब्यवस्था करने का सुझाव दिया

मंगलवार को फिर से होगी सामान्य सदन की बैठक

नगर निगम की यह बैठक कई मायनों में अहम रही। जहां एक ओर हर वार्ड के लिए 1.10 करोड़ की सौगात दी गई, वहीं दूसरी ओर नगर आयुक्त की चुप्पी, सफाई कंपनियों की लापरवाही और होटल टैक्स घोटाले ने सदन की दिशा ही बदल दी। जांच के आदेशों के बाद अब देखना होगा कि ये मुद्दे कार्रवाई के स्तर तक पहुंचते हैं या फिर हमेशा की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाते हैं। हलाकि अब यह सदन मंगलवार को फिर चलेगी जिसमे कई अहम मुद्दों पर मुहर लगेगी

 

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