उत्तर प्रदेशलखनऊ

पितृपक्ष पर बोधगया बिहार जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार का तोहफा, आरामदायक बस सेवा शुरू

पितृपक्ष पर श्रद्धालुओं के लिए खास सौगात: वाराणसी से गया के लिए विशेष बस सेवा शुरू

 


पितृपक्ष पर श्रद्धालुओं के लिए खास सौगात: वाराणसी से गया के लिए विशेष बस सेवा शुरू

📍 लखनऊ, 21 अगस्त 2025

पितृपक्ष के पावन अवसर पर गया (बिहार) में पिण्डदान एवं तर्पण के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को अब यात्रा में कोई परेशानी नहीं होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष अंतरराज्यीय बस सेवाएं शुरू कर दी हैं।

पितृपक्ष के दृष्टिगत वाराणसी से गया (बिहार) के लिए विशेष बस सेवा संचालित

उत्तर प्रदेश सरकार ने पितृपक्ष के दौरान पिण्डदान एवं तर्पण के लिए गया, बिहार जाने वाले श्रद्धालुओं के सुविधा के दृष्टिगत विशेष परिवहन सेवा शुरू की गई है। अंतरराज्यीय बस संचालन के तहत सारनाथ, वाराणसी से बोधगया बिहार के लिए बस सेवा संचालित होगी। इसी प्रकार लखनऊ से मुजफ्फपुर के लिए एवं मेरठ से सोनीपत (हरियाणा) के लिए भी बसों का संचालन शुरू किया गया है। यह बसें सप्ताह में सातों दिन चलेगी। इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है। आरामदायक सीटें और दूसरी सुविधाएं भी मिलेगी।

 

🚌 कहां-कहां से बस सेवा

  • वाराणसी (कैंट) से गया (बिहार):
    बस रात 08 बजे वाराणसी स्टेशन से चलेगी और चन्दौली, सासाराम, औरंगाबाद, शेरघाटी होते हुए सुबह 04 बजे गया पहुंचेगी।
    किराया: ₹465 प्रति यात्री
  • लखनऊ (आलमबाग) से मुजफ्फरपुर:
    बस रात 02 बजे आलमबाग बस टर्मिनल से चलेगी और बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, तुमकुही, गोपालगंज होते हुए सुबह 04 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।
    किराया: ₹862 प्रति यात्री
  • मेरठ से सोनीपत (हरियाणा):
    बड़ौत डिपो से तीन फेरे – सुबह 06:30, 10:50 और 15:50 बजे।

बसों में यात्रियों की सुरक्षा, आरामदायक सीटों और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है।


📌 परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है

🗣️  (स्वतंत्र प्रभार) 

“पितृपक्ष में श्रद्धालुओं को गया जाकर पिण्डदान करने में अब किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वाराणसी से गया, लखनऊ से मुजफ्फरपुर और मेरठ से सोनीपत के लिए विशेष बस सेवा शुरू की गई है। इससे श्रद्धालुओं की यात्रा आरामदायक और सुविधाजनक होगी। साथ ही निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे उनका खर्च और समय दोनों बचेगा। यदि यह सेवा सफल रहती है तो इसे नियमित करने पर भी विचार किया जाएगा।”


 


 

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