ग्राम्यांचलों में भावना संस्था का सेवा अभियान सिरसा कमालपुर में 100 ऊनी कंबलों का वितरण, सैकड़ों वृद्ध लाभान्वित

ग्राम्यांचलों में भावना संस्था का सेवा अभियान
सिरसा कमालपुर में 100 ऊनी कंबलों का वितरण, सैकड़ों वृद्ध लाभान्वित
लखनऊ।
भारतीय वरिष्ठ नागरिक समिति (भावना) के निर्धन जन सेवा प्रकोष्ठ द्वारा ग्राम्यांचलों में जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से तृतीय कंबल वितरण शिविर का आयोजन शनिवार, 27 दिसंबर 2025 को प्रातः 11:30 बजे किया गया। यह शिविर ग्राम सिरसा कमालपुर, ग्राम पंचायत खेसरवां, विकास खंड बीकेटी, जनपद लखनऊ में आयोजित हुआ।
इस सेवा शिविर में भावना संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष रामलाल गुप्ता ने की। इस अवसर पर महासचिव (कार्यन्वयन) प्रभात किरण चौरसिया, महासचिव (प्रशासन) जगमोहन लाल जायसवाल, प्रमुख महासचिव सुधीर कुमार वर्मा, संयोजक ग्राम्यांचल निर्धन सहायता योजना अमरनाथ धवन, आदित्य प्रताप सिंह, अनिल खन्ना, विनोद कपूर, प्रो. डॉ. राम सजीवन शुक्ल, चंद्रशेखर आज़ाद, अखिल कुमार गुप्ता सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे।

शिविर में खेसरवां ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांवों के गरीब, वृद्ध एवं निर्बल लोगों को 100 ऊनी कंबल वितरित किए गए। साथ ही संस्था के सदस्यों द्वारा लाए गए ऊनी कपड़े भी जरूरतमंदों को वितरित किए गए। इस अवसर पर लाभान्वित गांव के ग्राम प्रधान इंजीनियर सौरभ सिंह सहित बड़ी संख्या में गांव के बुजुर्ग व ग्रामीणजन मौजूद रहे।
संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि भावना संस्था द्वारा इस शीतकालीन मौसम में यह तीसरा सेवा शिविर है। आने वाले समय में लगभग सात और शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें करीब 700 ऊनी कंबलों का वितरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त गरीब बच्चों के लिए संचालित विभिन्न स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वेटर व मफलर, जबकि शिक्षकों को कंबल एवं शाल प्रदान की जाएंगी।
शिविर के दौरान संस्था द्वारा सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। ग्रामीणों को आधार कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, मतदाता कार्ड, लेबर कार्ड, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड से मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया गया।
भावना संस्था का यह सेवा अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए ठंड के मौसम में राहत पहुंचाने के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता का सशक्त माध्यम बन रहा है।



