लखनऊ: नगर निगम अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने में नाकाम, यातायात प्रभावित
1 min readलखनऊ: नगर निगम अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने में नाकाम, यातायात प्रभावित
लखनऊ: लखनऊ नगर निगम अपनी स्वामित्व वाली कब्जा की गई जमीनों को खाली कराने का प्रयास कर रहा है, लेकिन शहर भर में सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, पैदल पथ और ग्रीन बेल्टों पर अतिक्रमण की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस अतिक्रमण के कारण यातायात व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है और लोगों को सामान्य रूप से चलने-फिरने में कठिनाई हो रही है।
लखनऊ के आठों जोन में अतिक्रमण की वजह से लोग सड़क पर चलने के बजाय रास्ते से हटने के लिए मजबूर हो रहे हैं। फुटपाथों पर अवैध रूप से बनी दुकानों, रेस्टोरेंट्स और अन्य निर्माणों ने ना केवल सड़क की चौड़ाई को कम किया है, बल्कि पैदल यात्री भी इन अव्यवस्थित क्षेत्रों से गुजरने में असहज महसूस कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, सड़क पर यातायात की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है, जिससे शहरवासियों को घण्टों ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।
इस मामले पर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। नगर निगम प्रतिवर्ष नगरवासियों से टैक्स वसूलता है, लेकिन शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने में असफल रहा है। नगरवासियों का आरोप है कि अतिक्रमणकारियों से नगर निगम का किसी न किसी प्रकार का समझौता हो सकता है, जिसके कारण इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर स्थानीय दबाव और अतिक्रमणकारियों की ओर से विरोध के कारण कार्यवाही में रुकावट आ रही है।
लखनऊ के नागरिकों का कहना है कि अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने के लिए नगर निगम को ठोस और प्रभावी कदम उठाने चाहिए, ताकि सड़क और फुटपाथों पर अतिक्रमण समाप्त हो सके और शहरवासियों को यातायात की परेशानी से छुटकारा मिल सके।