लखनऊ- नगर निगम में अजब-गजब,एक जोन में 11 राजस्व निरीक्षक और एक जोन मात्र 3- कैसे होगी टैक्स की वसूली
ज़ोन 5 में टैक्स वसूली पर संकट, 9 वार्डों पर सिर्फ 3 राजस्व निरीक्षक — एक अंडर ट्रांसफर कैसे निभेगी ज़िम्मेदारी

रिपोर्ट-रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज-स्टार न्यूज़ भारत डिजिटल
ज़ोन 5 में टैक्स वसूली पर संकट, 9 वार्डों पर सिर्फ 3 राजस्व निरीक्षक — एक अंडर ट्रांसफर कैसे निभेगी ज़िम्मेदारी
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ में ट्रांसफर की नई लहर के बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन ने ज़ोनवार ज़रूरतों की समीक्षा किए बिना तबादले कर दिए?
मामला ज़ोन 4 और ज़ोन 5 का है — जहां एक तरफ़ ज़ोन 4 में 10 वार्डों के लिए 11 राजस्व निरीक्षक तैनात हैं, वहीं ज़ोन 5 में 9 वार्डों पर सिर्फ़ 3 निरीक्षक हैं। इनमें से एक अधिकारी अंडर ट्रांसफर है जो कि कासगंज जा सकता, यानी फिलहाल पूरे ज़ोन में सिर्फ तीन निरीक्षकों के भरोसे टैक्स वसूली चल रही है।
चारबाग से दरोगाखेड़ा तक फैला 15 किमी का इलाका, लक्ष्य ₹60 करोड़
ज़ोन 5 में चारबाग, आलमबाग, चंदननगर, टीएस मिश्रा और दरोगाखेड़ा जैसे इलाक़े शामिल हैं। यह ज़ोन तकरीबन 15 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। नगर आयुक्त ने इस जोन को चालू वित्त वर्ष में ₹60 करोड़ रुपये का टैक्स वसूली लक्ष्य दिया है।
लेकिन इतने बड़े क्षेत्र और सीमित जनशक्ति के साथ यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं दिख रहा।
अधिकारियों की मानें तो ‘वसूली पर असर तय’
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक़, “इतने कम राजस्व निरीक्षक के साथ वार्ड स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग और टैक्स वसूली का काम प्रभावित होना तय है। फील्ड में अधिकारियों की कमी का सीधा असर राजस्व आंकड़ों पर पड़ेगा।”
बंद लिफाफे में ट्रांसफर, समीक्षा पर उठे सवाल
नगर आयुक्त ने हाल ही में निगम में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर किए थे। दिलचस्प यह है कि आदेश “बंद लिफाफे” में अधिकारियों को थमाए गए — जिससे यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या जोनों की वास्तविक स्थिति का कोई पूर्व मूल्यांकन हुआ था या नहीं।
जानकार मानते हैं कि अगर ट्रांसफर से पहले जोनों की ज़रूरतों की समीक्षा की गई होती, तो ज़ोन 5 जैसी असमानता नहीं दिखती।
नए जोनल अधिकारी को सौंपी गई कमान
इस बीच ज़ोन 5 में नए पीसीएस अधिकारी विनीत कुमार सिंह को जोनल अधिकारी बनाया गया है। उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही स्टाफ की कमी और वसूली की धीमी रफ़्तार पर रिपोर्ट तैयार कर नगर आयुक्त को भेजेंगे।
सवाल वही — क्या प्लानिंग के बिना हुआ तबादला?
अब सवाल यह है कि जब नगर आयुक्त ने अधिकारियों को ट्रांसफर ऑर्डर बांटे,
तो क्या तब किसी ने यह नहीं देखा कि एक ज़ोन में 11 निरीक्षक हैं और दूसरे में सिर्फ 3?
या फिर इसके पीछे कोई और कारण छिपा है?
जो भी हो, वसूली के मोर्चे पर यह असंतुलन नगर निगम की राजस्व योजना पर सवाल खड़ा करता है।



