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बोरी खोली और बन गई सड़क-पीडब्ल्यूडी ने गड्ढामुक्ति अभियान किया शुरू – नई तकनीकी से झटपट भरे जा रहे पैच

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज


पीडब्ल्यूडी ने गड्ढामुक्ति अभियान किया शुरू – नई तकनीकी से झटपट भरे जा रहे पैच

लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने सड़क के उखड़े हल्के पैच को भरने के लिए एक नई सामग्री का प्रयोग किया है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो छोटे-मोटे पैच को महज 15 मिनट में भरकर आवागमन के लिए शुरू किया जा सकेगा।

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रविन्द्र सिंह ने बताया कि कुर्सी रोड पर स्टील स्लैग सामग्री से निर्मित बिटुमिनस मिक्स द्वारा पैच निर्माण का परीक्षण कराया गया है। यदि यह सफल रहा तो छोटे-मोटे उखड़े पैच को कम समय में तत्काल ठीक कराया जा सकता है।

कुर्सी रोड पर PWD के मुख्य अभियंता के साथ सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, सहायक अभियंता व अवर अभियंता की निगरानी में यह परीक्षण हुआ।

जर्जर सड़क की समाज सेवी ने की थी शिकायत

आपको बता दें कि लखनऊ के समाजसेवी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुर्सी रोड स्टेट हाइवे पर सड़कों की उखड़ी परत के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रविन्द्र सिंह, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर जे.पी. सिंह, सहायक अभियंता सौरभ पाण्डेय और अवर अभियंता महत्तम यादव मौके पर पहुंचे और नई तकनीक की सामग्री से गड्ढों को भरा।

सहायक अभियंता सौरभ पाण्डेय के मुताबिक

सहायक अभियंता सौरभ पाण्डेय ने बताया कि स्टील व आयरन के वेस्ट से बने प्री-मिक्स मैटेरियल से जलभराव वाली सतह पर भी यह केमिकल प्रभावी ढंग से काम करता है। परीक्षण के दौरान सड़क की गड्ढेदार सतह में पानी भरकर प्री-मिक्स मैटेरियल डाला गया। मात्र 15 मिनट बाद ही सड़क चलने योग्य हो गई। हालांकि अभियंताओं ने कहा कि यदि यह परीक्षण सफल रहा तो आगे इस मिक्स मैटेरियल का नियमित इस्तेमाल किया जाएगा।

बोरी खोली और झटपट बन गई सड़क

बिना रोलर, बिना डामर और बिना बिटुमिन केवल कुछ लेबर और दुरमुठ लेकर सड़क को ठीक कर दिया गया। प्री-मिक्स मैटेरियल की 30 किलो की बोरी ने कमाल कर दिखाया। बोरी खोली, सड़क पर पानी डाला, धूल साफ की और कुटाई कर दी। इसके बाद गड्ढा तत्काल भर गया। बुधवार को PWD के इंजीनियरों ने अपने सामने करीब 1 दर्जन पैच इसी मिक्स मैटेरियल से भरवाए। 15 मिनट बाद यातायात चालू कर दिया गया। सैकड़ों वाहन उस पर से गुजरे लेकिन पैच पर कोई असर नहीं पड़ा। फिलहाल यह परीक्षण है, यदि सफल रहा तो कंपनी से बड़ी मात्रा में यह मैटेरियल खरीदा जाएगा और मरम्मत का काम और तेजी से होगा।

PWD के अधिकारियों की माने तो

विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक समय और धन दोनों की बचत करेगी। पारंपरिक पैचवर्क में जहां घंटों लगते हैं, वहीं इस विधि से सड़क तुरंत दुरुस्त हो जाती है। इससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी। विभाग का मानना है कि बरसात के मौसम में यह सामग्री बेहद उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि यह पानी में भी मजबूती बनाए रखती है। यदि लखनऊ में यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जा सकता है। इस कदम से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार की “गड्ढामुक्त सड़क” योजना को भी नई गति मिलेगी।

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