लखनऊ

राव साहब ने लायन पर लगाया पाँच लाख रुपये का जुर्माना-

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज


जोन-8 की सफाई व्यवस्था में घोर लापरवाही, नगर निगम का बड़ा डंडा – ठेकेदार कम्पनी पर 5 लाख का जुर्माना

लखनऊ। नगर निगम लखनऊ ने स्वच्छता व्यवस्था की पोल खोल दी है। जोन-8 में फैली गंदगी और कूड़े-कचरे के ढेर देखकर अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव आपे से बाहर हो गए। शनिवार 30 अगस्त 2025 को किए गए औचक निरीक्षण में निगम प्रशासन ने जिम्मेदार ठेका संस्था लॉयन एन्वायरो प्रा. लि. की खस्ता हालत व्यवस्थाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए 5 लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया।

निरीक्षण के दौरान आशियाना, विद्यावती प्रथम, विद्यावती द्वितीय और हिन्द नगर वार्ड में हालात इतने खराब पाए गए कि पूरा इलाका कूड़े का डंपिंग ग्राउंड नजर आ रहा था। सड़कों और नालियों से कचरा उफन कर बाहर आ गया था, जिससे पानी का निकास रुक गया। विद्यावती द्वितीय वार्ड के सेक्टर-डी01 और एमरॉल्ड मॉल क्षेत्र में तो न झाड़ू लगी थी, न ही कचरा उठाया गया था। जगह-जगह कूड़े के ढेर पर आवारा पशु खड़े मिले और मक्खियों का जमावड़ा ऐसा कि संक्रामक रोग फैलने का खतरा मंडरा रहा था।

हिन्द नगर वार्ड के सेक्टर-सी01 स्थित माता की बगिया डंपिंग प्वाइंट पर हार्टिकल्चर वेस्ट का पहाड़ जमा मिला। आवारा जानवर इसी कूड़े में चारा तलाशते दिखे। वहीं गुरुद्वारा रोड पर सीएनडी वेस्ट (निर्माण सामग्री का मलबा) का अम्बार दुर्गंध फैलाता नजर आया।

यही नहीं, कम्पनी की पोल और खुल गई जब जांच में पाया गया कि 2 जनवरी 2025 से काम शुरू करने के बावजूद आज तक प्रस्तावित पीसीटीएस प्रणाली (प्रोसेस्ड कलेक्शन ट्रांसफर स्टेशन) स्थापित नहीं की गई। संस्था को 5 स्थानों पर इसे लगाना था, लेकिन आज तक यह सपना ही बना हुआ है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में भी भारी गड़बड़ी सामने आई। तय 170 गाड़ियों की जगह महज 140 गाड़ियां ही चलाई जा रही हैं, जिसके चलते कई मोहल्लों में कचरा संग्रहण ठप पड़ा है।

निरीक्षण के दौरान पाया कि 25 किलोमीटर लंबे मुख्य मार्गों पर जहां कम से कम 50 सफाई कर्मचारी होने चाहिए थे, वहां उंगलियों पर गिने जाने लायक सफाईकर्मी ही मौजूद थे। हालत यह थी कि पूरी सफाई व्यवस्था चरमराकर ढह चुकी थी।

इन घोर लापरवाहियों पर निगम प्रशासन ने ठेका कम्पनी पर अलग-अलग आधारों पर 5 लाख का जुर्माना लगाया। इसमें –

  • डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में शिथिलता पर ₹1,00,000

  • भारी मात्रा में कचरा पाए जाने पर ₹2,00,000

  • हार्टिकल्चर वेस्ट न उठाने पर ₹50,000

  • डंपिंग प्वाइंट पर गंदगी और निस्तारण में देरी पर ₹1,00,000

  • पीसीटीएस प्रणाली समय से न लगाने पर ₹50,000 शामिल हैं।

अपर नगर आयुक्त डॉ. राव ने ठेका कम्पनी को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में जरा सी भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वच्छता नगर निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता है और जो भी इसके साथ खिलवाड़ करेगा, उसे आर्थिक दंड के साथ ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई भी झेलनी होगी।

स्थानीय निवासियों ने भी कम्पनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “सफाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति होती है, जबकि जमीनी स्तर पर गंदगी से लोग त्रस्त हैं।” लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि या तो ऐसी लापरवाह कम्पनी को हटाया जाए या फिर कड़ी निगरानी में लाकर जवाबदेह बनाया जाए।

इस निरीक्षण ने साफ कर दिया कि ठेका कम्पनी की लापरवाही ने पूरे जोन-8 को नारकीय स्थिति में धकेल दिया है। अब देखना यह होगा कि नगर निगम की यह सख्ती आगे भी बरकरार रहती है या फिर जुर्माने की राशि जमा होते ही मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।


 

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