उत्तर प्रदेशलखनऊ

LDA द्वारा बनाये गए नाले में झोल इंजीनियर भूले पानी निकालने का रास्ता-LDA उपाध्यक्ष से मिले समाज सेवी

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज


ग्रीन बेल्ट में बना बिना निकासी का नाला बना सिरदर्द, जांच की मांग तेज

लखनऊ। कुर्सी रोड स्थित जानकीपुरम विस्तार योजना के अंतर्गत सृष्टि, स्मृति एवं सरगम अपार्टमेंट्स के सामने ग्रीन बेल्ट में निर्मित एक “बिना निकासी वाला नाला” स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इस विवादास्पद निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए ग्रेटर लखनऊ जनकल्याण महासमिति के महासचिव एवं समाजसेवी विवेक शर्मा ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार को एक पत्र सौंपा है।

विवेक शर्मा ने पत्र में सवाल उठाया है कि लगभग 50 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2016-17 में बने इस गहरे नाले की दोनों ओर निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे यह नाला पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो गया है।

विवेक शर्मा द्वारा उठाए गए प्रमुख सवाल:

  1. क्या इस नाले का खर्च अपार्टमेंट्स के आबंटियों से वसूली गई राशि से किया गया, जिससे फ्लैटों की लागत भी बढ़ी?
  2. बिना निकासी वाले इस नाले का निर्माण आखिर क्यों और किस उद्देश्य से किया गया?
  3. इस निर्माण कार्य की देखरेख किस अभियंता/अधिकारी ने की?
  4. क्या इस परियोजना के माध्यम से किसी खास को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया?
  5. इसे किसी भी अपार्टमेंट से क्यों नहीं जोड़ा गया?
  6. जब यह नाला अब जानवरों के लिए भी खतरा बन चुका है, तो इसे ढकने के लिए स्लैब लगाने में देरी क्यों?

स्थानीय निवासियों की चिंता

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नाला पूरी तरह खुला होने के कारण अक्सर जानवर इसमें गिरकर घायल हो जाते हैं। कई बार सफाई और स्लैब लगाने की मांग की गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। अब जबकि मानसून ने दस्तक दे दी है, नाले की सफाई तक नहीं कराई गई, जिससे क्षेत्र में जलभराव और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है।

अपार्टमेंट्स में जलभराव और लीकेज की समस्या

विवेक शर्मा ने 1 मई को LDA उपाध्यक्ष को एक अन्य पत्र सौंपकर सृष्टि अपार्टमेंट में जलभराव और लीकेज की समस्या को शीघ्र हल करने की मांग भी की है। उनका कहना है कि प्राधिकरण को जनहित में अविलंब कार्यवाही करनी चाहिए।

दोषियों पर कार्रवाई और क्षतिपूर्ति की मांग

महासचिव शर्मा ने पत्र के माध्यम से यह भी मांग की है कि इस विवादास्पद निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराकर, प्राधिकरण के खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले अभियंताओं, अफसरों और कार्यदायी संस्था से ही क्षतिपूर्ति करवाई जाए तथा दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। वही प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने समाज सेवी के ज्ञापन को स्वीकार करते हुए जल्द कार्यवाई की बात कही है।

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