लखनऊ की सड़कों पर फैला केबिल का जाल- ले सकता जान नगर निगम को हादसे का इंतजार
➡️प्याऊ नहीं, केबिल हटवाना भी नहीं सीखा… लखनऊ के नगर आयुक्त अभी भी ‘प्रशिक्षण मोड’ में!
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➡️रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में जिम्मेदार अफसरों की जिम्मेदारी मानो किसी *’इंटरनेट केबिल’ की तरह लटक रही है – न हटती है, न सुलझती है। बात चाहे भीषण गर्मी में प्याऊ लगवाने की हो या शहर भर में बेतरतीब और जानलेवा तरीके से झूलते अवैध इंटरनेट केबल तारों की – नए नगर आयुक्त अब तक शायद प्रशिक्षण काल में ही हैं!
➡️अभी तक ये नही समझ पा रहे कि प्याऊ चौराहों पर लगवाए की हर घर के सामने जिससे लोग प्यासे ही न रहे-या फिर इंटरनेट केबिल को चाकू से कटवाया जाए या फिर आरी से कुछ समझ नही आ रहा
कुर्सी रोड स्थित आदर्श थाना गुडंबा के सामने का नज़ारा किसी जाल बिछाने वाले शिकारी का नहीं, बल्कि एक ‘केबिल कारीगर’ का है, जो जनता को खुलेआम चुनौती दे रहा है – “आओ, मुझमें फँसो और भगवान को प्यारे हो जाओ!”
_यह दृश्य देखकर यही लगता है कि एलएमसी (LMC) यानी लखनऊ नगर निगम का मार्गप्रकाश और प्रचार-प्रसार विभाग अब ‘घुग्घू मोड’ में चला गया है। सब कुछ देखकर भी कुछ न देख पाने की अद्भुत क्षमता शायद सिर्फ विभागीय अफसरों में ही होती है।_
जब कोई दुर्घटना होगी, तब दो-चार दिन की गर्मागर्मी मचेगी, कुछ अफसर टीवी कैमरे के सामने चिंतित मुद्रा में दिखाई देंगे, एक-दो नोटिस जारी होंगे, और फिर… “सब मैनेज है जी!”
_क्या लखनऊ को ऐसे ही लटकते खतरों के हवाले छोड़ दिया जाएगा? या कोई अफसर अपने वातानुकूलित कक्ष से बाहर निकलकर इन जानलेवा तारों की हकीकत देखेगा?_
➡️सोशल मीडिया पर हो रहा ट्रोल
जनहित में, इस दिन-प्रतिदिन गंभीर होती समस्या का स्थायी समाधान अब अनिवार्य है। वरना ये झूलते केबिल एक दिन…किसी मासूम की जान लेकर ही ‘सिग्नल’ देंगे!



