गई फरारी की सवारी अब अफसर बोलेरो से चलेंगे – नगर निगम की लग्जरी सवारी पर ब्रेक!

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज
लखनऊ। नगर निगम लखनऊ में अब अफसरों की ठाठ-बाठ पर विराम लगने वाला है। IAS इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए नगर निगम अफसरों की लग्जरी गाड़ियों को हटाने का फरमान सुना दिया है। अब अफसरों को लग्जरी कारों की जगह बोलेरो में सफर करना होगा।
‼️”बोलेरो? वो क्या होती है?” – एक अफसर ने आदेश सुनते ही चौंकते हुए पूछा।
नगर निगम के दफ्तर में इस फैसले के बाद हलचल मच गई। जहां पहले चमचमाती गाड़ियों से उतरकर अफसर अपनी शान दिखाते थे, अब उन्हें बोलेरो के धक्के खाने पड़ेंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने अफसोस जताते हुए कहा, “अब सुबह ऑफिस पहुंचते ही सबसे पहला काम सीट बेल्ट की जगह कमर बेल्ट कसना होगा, बोलेरो की सवारी आसान नहीं होती!”
अफसरों का दर्द – “अब सड़क पर कैसे दिखाएंगे रौब?”
कुछ अफसरों का कहना है कि उनकी लग्जरी गाड़ियों से ही उनकी प्रतिष्ठा बनी रहती थी।
यहां तक कि नगर निगम के अधिकारी 4 या 5 प्रतिकिमी का एवरेज देने वाली गाड़ी यानी स्कार्पियो,फार्च्यूनर,क्रिस्टा जैसी गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे जिसके ईंधन पर काफी खर्च आता था,
हलाकि कुछ तो ये भी सोचते है कि अब जब बोलेरो में सफर करेंगे, तो लोग उन्हें अफसर समझेंगे भी या नहीं, इस पर गहरा संदेह है। एक अधिकारी ने हंसते हुए कहा, “अब से जब हम ट्रैफिक में फंसेंगे, तो लोग साइड देने की बजाय हमें टैक्सी समझकर किराया पूछेंगे!”
चालकों की खुशी – “अब टचस्क्रीन नहीं, स्टियरिंग ही स्टियरिंग!
जहां अफसर मायूस हैं, वहीं उनके ड्राइवर इस फैसले से बेहद खुश हैं। एक ड्राइवर ने चुटकी लेते हुए कहा, *”अब साहब लोग समझेंगे कि सड़क पर धूल और गड्ढे क्या होते हैं!”*
नगर निगम का बयान – “जनता के पैसे की होगी बचत!
नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह फैसला जनता के टैक्स के पैसों की बचत के लिए लिया गया है। महंगी गाड़ियों की जगह बोलेरो आने से मेंटेनेंस और ईंधन पर खर्च कम होगा।
एक ही ठेकेदार के पास था वाहनों का ठेका
जानकारी के मुताबिक विगत कई वर्षों से नगर निगम में एक ही ठेकेदार के पास वाहनों को लगाने का ठेका था जो अभी तक लग्जरी गाड़ियों की सुविधा मुहैया करा रहा था हलाकि नगर आयुक्त के इस निर्देश के बाद नगर निगम गलियारे में हलचल मच गई है
👉नई फर्म का चयन हुआ लेकिन क्या नगर आयुक्त के आदेशों का होगा पालन
जानकारी यह भी मिल रही है कि गाड़ियों की ब्यवस्थाओ के लिए नई फर्म का चयन हो चुका है लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर आयुक्त साहब का जो लग्जरी वाला आदेश है वह मान्य होता है या ऐसे ही हवा हवाई रहता है–फिलहाल सुगबुगाहट यह भी है कि पर्यावरण व कम ईंधन खर्च के लिहाज से EV वाहन का प्रयोग ज्यादा हितकारी हो सकता है_*