उत्तर प्रदेशदेश-विदेशलखनऊ

मनरेगा गाइडलाइंस के अनुसार पात्रों को मिले काम- केशव प्रसाद मौर्य

 

 

लखनऊ: उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे परिवारों के वयस्क सदस्यों को मांग के अनुरूप एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का गारण्टीयुक्त अकुशल श्रम का रोजगार उपलब्ध कराना है। उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा गाइडलाइंस के अनुसार पात्र लोगों को मनरेगा में काम जरूर दिया जाय, और नियमानुसार उनके पारिश्रमिक के समय से भुगतान की कार्यवाही की जाय।

 

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत मार्ग निर्देशिका में जॉब कार्ड जारी किये जाने की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए जॉब कार्ड जारी किये जाने से पूर्व सत्यापन किये जाने हेतु ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया है।महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत कार्यरत कार्मिकों तथा ग्राम प्रधान के पारिवारिक सदस्यों व रिश्तेदारों द्वारा मनरेगा योजना में जॉब कार्ड बनवाए जाने, योजना में कार्य किये जाने का एवं भुगतान की कतिपय शिकायतें प्राप्त होती रहती है।

 

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि यदि योजना में कार्यरत कार्मिकों तथा ग्राम प्रधान के पारिवारिक सदस्यों व रिश्तेदारों द्वारा मनरेगा योजना में जॉब कार्ड बनवाये जाने हेतु आवेदन दिया जाता है अथवा योजना में अकुशल श्रम हेतु कार्य की मांग की जाती है ,तो ऐसी दशा में संबंधित को भुगतान से पूर्व संबंधित द्वारा वास्तव में कार्य किया गया है अथवा नहीं, इसका सत्यापन सहायक विकास अधिकारी या खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किये जाने के उपरान्त ही भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश में समस्त जिलाधिकारी/जिला कार्यक्रम समन्वयक, को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

जारी शासनादेश में परिवार/सम्बन्धी का तात्पर्य जिला पंचायत सेवा नियमावली, 1970 के पैरा 54 के अनुसार पिता, पितामह, श्वसुर, चाचा या मामा, पुत्र, पौत्र, दामाद, भाई, भतीजा या भांजा, सगा चचेरा या ममेरा भाई, पत्नी का भाई और बहनोई, पति, पति का भाई, पति की बहन, पत्नी की बहन, पत्नी, पुत्री, पुत्रवधू, बहन, भाभी जो भाई या सगे चचेरे या ममेरे भाई की पत्नी हो, माता, सास, चाची या मामी से है।
ग्राम्य विकास आयुक्त ने बताया इस संबंध में शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button