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जोन-3 में सफाई व्यवस्था का बंटवारा सवालों के घेरे में, 19 वार्डों में असमान जिम्मेदारी पर उठे सवाल

जोन-3 में सफाई व्यवस्था का बंटवारा सवालों के घेरे में, 19 वार्डों में असमान जिम्मेदारी पर उठे सवाल

लखनऊ।
जब लखनऊ नगर निगम के नए नगर आयुक्त गौरव कुमार ने पदभार संभाला था, तब शुरुआती दौर में नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठे। कुछ समय तक विवाद की स्थिति भी बनी रही, लेकिन धीरे-धीरे नगर आयुक्त ने प्रशासनिक कमान अपने हाथ में लेते हुए अधिकारियों के कार्यक्षेत्र का पुनर्गठन शुरू किया।

हाल ही में नगर आयुक्त द्वारा बंद लिफाफे में ऑटो जोन के जोनल अधिकारियों और सफाई निरीक्षकों के तबादले किए गए। इस प्रक्रिया में समानता और वरीयता का आधार अपनाए जाने की बात कही गई। हालांकि, लखनऊ नगर निगम के जोन-3 में सफाई व्यवस्था के कार्यक्षेत्र बंटवारे को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।

जोन-3 में वर्तमान में जोनल सेनेटरी ऑफिसर मनोज यादव तैनात हैं। इस जोन में कुल 19 वार्ड हैं, जिनकी सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी चार सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों को सौंपी गई है। लेकिन बंटवारे में समानता न होने का आरोप सामने आ रहा है।

जानकारी के अनुसार, सफाई निरीक्षक पुष्कर पटेल को 8 वार्ड, प्रमोद गौतम को 5 वार्ड, जबकि सुमित और आकांक्षा को केवल 3-3 वार्ड ही सौंपे गए हैं। इस असमान बंटवारे को लेकर निगम के भीतर और स्थानीय स्तर पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुष्कर पटेल और प्रमोद गौतम के कार्यक्षेत्रों में गंदगी की स्थिति गंभीर बनी रहती है। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब उन्हीं क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं है, तो उन्हें अधिक वार्डों की जिम्मेदारी क्यों दी गई।

इसके साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि जब सुमित और आकांक्षा जैसे कर्मठ अधिकारियों को सीमित वार्ड दिए गए हैं, तो क्या कार्यक्षेत्र बंटवारे में पारदर्शिता और संतुलन का पूरा ध्यान रखा गया है।

फिलहाल, जोन-3 के 19 वार्डों में सफाई व्यवस्था का यह बंटवारा चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि नगर आयुक्त इस असमानता पर क्या संज्ञान लेते हैं और क्या व्यवस्था में सुधार किया जाता है।

 

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