लखनऊ

लखनऊ नगर निगम IAS अफसर का फिल्मी अंदाज़ – बंद लिफाफों में थमाया ट्रांसफर लेटर!”

📰 “IAS अफसर का फिल्मी अंदाज़ – बंद लिफाफों में ट्रांसफर लेटर!”
(लखनऊ नगर निगम में सोमवार को चला ‘ऑपरेशन ट्रांसफर’)

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज


📍 लखनऊ | रिपोर्ट : रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज
लखनऊ नगर निगम में सोमवार का दिन किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं रहा। नगर आयुक्त IAS गौरव कुमार के निर्देशन में जो घटनाक्रम हुआ, उसने अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक सबको सन्न कर दिया।

सुबह सब कुछ सामान्य था — सभी जोनल अधिकारी, सेनेटरी अधिकारी, कर अधीक्षक और सफाई इंस्पेक्टरों को स्मार्ट सिटी ऑफिस में मीटिंग के लिए बुलाया गया था। लेकिन मीटिंग खत्म होते ही माहौल पूरी तरह बदल गया — जैसे किसी फिल्म में ‘इंटरवल के बाद ट्विस्ट’ आ गया हो!


🎬 “ऑपरेशन ट्रांसफर” शुरू — बंद लिफाफों में था आदेश!

मीटिंग खत्म हुई तो हर अधिकारी को एक-एक बंद लिफाफा थमाया गया।
किसी को अंदाज़ा नहीं था कि इन लिफाफों में क्या है।
सबकी नज़रें एक-दूसरे पर — “आपका क्या आया?”

थोड़ी देर बाद नगर आयुक्त की आवाज़ गूंजी —
“लिफाफा खोलिए!”

और बस, जैसे ही लिफाफे खुले — सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं!
अंदर थे ट्रांसफर लेटर!
उसी समय अधिकारियों से कहा गया कि तत्काल कोरे कागज़ पर जॉइनिंग रिपोर्ट लिखिए!
माना जा रहा है कि इस गोपनीय प्रक्रिया से किसी भी तरह की लीकेज या “सिफारिश” की गुंजाइश ही खत्म कर दी गई।


⚡ नगर आयुक्त का सख्त निर्देश

नगर निगम प्रशासन ने सभी को स्पष्ट चेतावनी दी —

“अगर किसी ट्रांसफर रोकने के लिए फोन आया, तो यह अनुशासनहीनता मानी जाएगी।”

यानी इस बार कोई ‘नेटवर्किंग’ या ‘रिकमेंडेशन’ काम नहीं आने वाला था।
पूरा ऑपरेशन इतना गोपनीय रखा गया कि मीडिया तक को भनक नहीं लगी।


🧾 किसे कहां भेजा गया — पूरी लिस्ट

आदेश के अनुसार:

  • जोन-1 – कर अधीक्षक ओपी सिंह रहेंगे जोनल अधिकारी
  • जोन-2पीसीएस संजय यादव
  • जोन-3पीसीएस आकाश कुमार
  • जोन-4सहायक नगर आयुक्त शिल्पा कुमारी
  • जोन-5पीसीएस विनीत सिंह
  • जोन-6कर अधीक्षक अमरजीत
  • जोन-7पीसीएस रामेश्वर प्रसाद
  • जोन-8पीसीएस विकास सिंह

यानी कुल पांच जोनों में पीसीएस अफसरों को जोनल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


🔄 हटाए गए अधिकारी और घटा कद

सूत्रों के मुताबिक कुछ अधिकारियों के खिलाफ  लापरवाही की शिकायतें आयुक्त कार्यालय तक पहुंची थीं। इन्हीं के आधार पर कार्रवाई की गई।

  • अजीत कुमार राय (जोन-8), मनोज यादव (जोन-6) और नंदकिशोर (जोन-5) को पद से हटाकर क्रमशः कर अधीक्षक तथा विधि विभाग में भेजा गया।

🧹 सफाई विभाग में भी बड़ा फेरबदल

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज रिपोर्टिंग

  • सचिन सक्सेना – जोन 5
  • जितेंद्र गांधी – ZSO जोन 5 व 8
  • विशुद्धानंद त्रिपाठी – जोन 6 SFI
  • संचिता मिश्रा – SFI जोन 3 से 7
  • सत्येन्द्र नाथ – SFI जोन 3 से 8
  • राजेश – जोन 6 के नए ZSO
  • मीरा राव – SFI जोन 8
  • विजेता द्विवेदी – जोन 7 से 6

नोट: जोन-4 में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि वहां कई वर्षों से जमे अधिकारी हैं।


💬 महापौर बोलीं — “हमें जानकारी नहीं दी गई”

महापौर सुषमा खर्कवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा —

“तबादले के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। न ही राय-मशविरा किया गया। हमें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली। ट्रांसफर नगर आयुक्त का अधिकार है, लेकिन सफाई व्यवस्था और टैक्स वसूली पर असर नहीं पड़ना चाहिए।”

नगर निगम के गलियारों में अब चर्चा गर्म है कि यह पूरा “ऑपरेशन ट्रांसफर” कहीं महापौर-आयुक्त विवाद का असर तो नहीं!

कुछ जोंनल अधिकारियों ने तत्काल जॉइनिंग ली 

ट्रांसफर लेटर मिलते ही सबसे पहले जोन सात में तैनात पीसीएस अधिकारी आकाश कुमार ने जोन तीन पहुचकर कुर्सी संभाली और प्रभारी सम्पत्ति पीसीएस अधिकारी रामेश्वर प्रसाद ने जोन सात पहुच कर जिम्मेदारी संभाली

 


🔍 अंदर की कहानी – “पुराने रिश्ते, नए निशाने”

कई अफसरों का दावा है कि जिनके नगर निगम में “नेटवर्क” मज़बूत थे, उन्हें हाशिये पर भेज दिया गया।
दूसरी तरफ, नगर आयुक्त के करीबी अफसरों को “फ्रंट जोन” की जिम्मेदारी मिली।
हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई भी अधिकारी इस पर बयान देने से बच रहा है।


💭 सिटी में चर्चा – “फिल्मी अंदाज वाला IAS”

नगर निगम के कर्मचारी अब IAS गौरव कुमार को “सस्पेंस डायरेक्टर” कहने लगे हैं।
कह रहे हैं —

“कौन जानता था कि मीटिंग में बंद लिफाफों में ‘ट्रांसफर की स्क्रिप्ट’ छिपी होगी!” 😄

नगर निगम लखनऊ में सोमवार का दिन वाकई फिल्मी स्क्रिप्ट जैसा रहा।
अब देखना यह है कि इस “ऑपरेशन ट्रांसफर” से क्या सफाई व्यवस्था सुधरेगी या सियासी धूल और बढ़ेगी


 

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