लखनऊ

लखनऊ नगर निगम की बड़ी कार्यवाही: नगर आयुक्त के निर्देश पर 5 शराब की दुकानें सील-बाकी जोनों में रहम क्यों

 

लखनऊ नगर निगम की बड़ी कार्यवाही: नगर आयुक्त के निर्देश पर 5 शराब की दुकानें सील

लखनऊ। नगर आयुक्त गौरव कुमार के सख्त निर्देश के बाद नगर निगम प्रशासन ने ट्रेड लाइसेंस अनियमितताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को नगर जोन-4 में अभियान चलाकर 5 कंपोजिट शराब की दुकानों को सील कर दिया गया।

🔹 नगर आयुक्त की सख्ती के बाद कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, हाल ही में नगर आयुक्त ने एक समीक्षा बैठक के दौरान यह सवाल उठाया था कि शहर में संचालित अंग्रेज़ी शराब और बीयर की दुकानों का ट्रेड लाइसेंस क्यों नहीं बनाया जा रहा तथा निर्धारित शुल्क की वसूली में ढिलाई क्यों बरती जा रही है।
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बिना लाइसेंस संचालित शराब दुकानों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और राजस्व वसूली में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

🔹 ज़ोन-4 टीम ने की त्वरित कार्यवाही

नगर आयुक्त के निर्देश पर जोनल अधिकारी संजय यादव के नेतृत्व में कर अधीक्षक बनारसी दास, अनुराग उपाध्याय और ईटीएफ फोर्स ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की।
टीम ने मल्हौर, अहिमा मऊ, चिनहट और खरगापुर क्षेत्र में संचालित 5 शराब दुकानों का निरीक्षण किया। निर्धारित लाइसेंस और शुल्क जमा न होने पर सभी दुकानों को मौके पर सील कर दिया गया।

🔹 ट्रेड लाइसेंस वसूली में बड़ा खेल उजागर

नगर निगम के कर विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शहर में सैकड़ों अंग्रेज़ी शराब और बीयर की दुकानें संचालित हैं, जिनसे निगम को ट्रेड लाइसेंस शुल्क के रूप में राजस्व प्राप्त होना चाहिए।
हालांकि, कुछ कर अधीक्षक और आर.आई. स्तर के कर्मचारियों की मिलीभगत से केवल चुनिंदा दुकानों का लाइसेंस बनवाया जाता है, जबकि कई दुकानों को बिना अनुमति के चलने दिया जाता है।
इस गड़बड़ी से न केवल निगम को राजस्व नुकसान होता है बल्कि निष्पक्ष प्रशासन की छवि पर भी प्रश्नचिह्न लगता है।

🔹 नगर आयुक्त का निर्देश — “राजस्व में पारदर्शिता लाएं”

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा है कि ट्रेड लाइसेंस व्यवस्था को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया जाएगा। बिना लाइसेंस कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसमें लिप्त किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

शहर में है 8 जोन और कार्यवाई सिर्फ जोन 4 ने ही किया

नगर निगम लखनऊ में आठ जोन है और हर जोंन में दर्जनो अंग्रेजी शराब की दुकानें है लेकिन अन्य जोनो का कुछ अता पता नही की कौन शुल्क जमा करा रहा कौन नही दरसल एक शराब ब्यापारी ने बताया कि आर आई चुपके चोरी आता है कुछ सुविधा शुल्क लेता है और ट्रेड लाइसेंस के शुल्क के भार से बचा देता है और ऐसा करके अप्रैल आ जाता और इस तरह तकरीबन 30 से 40 हजार की बचत हो जाती अब देखना यह होगा कि हर जोन के जोंनल टीएस आर आई ट्रेड लाइसेंस बनाने में दिलचस्पी दिखायेंगे या नही

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button