लखनऊ में अफसर सो रहे कुम्भकरणी नींद और ठेकेदार कर रहे मस्त लापरवाही — ब्रह्मनगर, बालागंज की सड़क 50 दिन से धूल फांक रही, जनता बेहाल!

🟥 लखनऊ में अफसरों की नींद और ठेकेदार की लापरवाही — ब्रह्मनगर, बालागंज की सड़क 50 दिन से धूल फांक रही, जनता बेहाल!
लखनऊ। लगता है कि आने वाले संसदीय चुनाव से पहले सांसद विकास निधि के निर्माण कार्य तो दिखने लगेंगे, लेकिन जनता को फिलहाल धूल और गड्ढों में ही सफर करना पड़ेगा।
नगर निगम जोन-6 के अंतर्गत ब्रह्मनगर और बालागंज की सड़क पर डाली गई निर्माण सामग्री अब 50 दिन से यूँ ही पड़ी सड़ रही है।
मिट्टी, बजरी और टूटे पत्थरों से भरी यह सड़क अब स्थानीय लोगों के लिए दुर्गम रास्ता बन चुकी है। दोपहिया वाहन फिसल रहे हैं, बच्चे गिर रहे हैं, बुजुर्ग संभल नहीं पा रहे — पर विभागीय जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।
स्थानीय नागरिक कहते हैं —
“ना ठेकेदार का पता, ना अफसर का ठिकाना…
शिकायत करो तो ऐसा लगता है जैसे कोई अपराध कर रहे हों।”
लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो कोई निरीक्षण हुआ, न ही मरम्मत कार्य शुरू किया गया। सड़क के दोनों ओर पड़ी निर्माण सामग्री अब धूल का गुबार उड़ाकर लोगों की सेहत बिगाड़ रही है।
अब इलाके के लोगों के पास एक ही विकल्प बचा है —
“जब सांसद राजनाथ सिंह जी लखनऊ आएंगे, तभी शायद यह सड़क फिर से बन पाए।”
क्योंकि नगर निगम के अफसरों को न तो निर्माण कार्य की देरी की फिक्र है, न ही स्थल पर जाकर हाल देखने का वक्त।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी सिर्फ झंडा लहराने और फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गई है?
🟠समाज सेवी विवेक शर्मा ने पूरे मामले को लेकर जनहित में उठाई आवाज:
ब्रह्मनगर और बालागंज की सड़क पर तत्काल निर्माण कार्य शुरू कराया जाए, जिम्मेदार ठेकेदार और अभियंता की जवाबदेही तय की जाए, ताकि जनता को इस दुर्गति से राहत मिल सके।
“विकास की बात करने वालों के शहर में, सड़कें अब भी लाचार हैं — और अफसर, बेख़बर।”



