लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को किया सरल-पढ़े पूरी खबर

रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज
7.5 मीटर चौड़ी सड़क पर पास होंगे भवन मानचित्र, आर्किटेक्ट खुद करेंगे सरकारी रोड का सत्यापन

- लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को किया सरल
- एलडीए योजनाओं में अब आवेदक को साइट प्लान देने की आवश्यकता नहीं, विभागीय स्तर से होगी कार्यवाही
- लापरवाही पर सख्ती: मानचित्र में तीसरी बार आपत्ति होने पर आवेदन निरस्त
लखनऊ। शहर में अब 7.5 मीटर चौड़ी शासकीय सड़कों पर भी भवन के मानचित्र स्वीकृत होंगे। खास बात यह है कि सड़क का सत्यापन अब स्वयं आर्किटेक्ट करेंगे और इसके लिए सम्बंधित विभाग से प्रमाण पत्र लेने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने नक्शा स्वीकृति की जटिल प्रक्रिया को सरल करते हुए यह नई व्यवस्था लागू की है।
शुक्रवार को आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाया जा रहा है। अब एलडीए की खुद की योजनाओं के मानचित्रों के लिए भी आवेदक से साइट प्लान नहीं मांगा जाएगा, यह कार्य प्राधिकरण स्तर से ही होगा।
बैठक में उपाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी तय की जाएगी। अगर नक्शे में बार-बार त्रुटियां दोहराई गईं तो तीसरी बार आपत्ति लगने पर आवेदन स्वतः निरस्त हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पुराने भवनों में पार्किंग की कमी है वहां मैकेनाइज्ड/ऑटोमेटेड पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने पर शमन मानचित्र स्वीकृत किया जाएगा।

अधिकारियों ने आर्किटेक्ट्स से वार्षिक समीक्षा करते हुए यह भी जाना कि नक्शा पास कराने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कितने समय में मानचित्र स्वीकृत होते हैं। उपाध्यक्ष ने सभी को सख्त निर्देश दिए कि एफएआर की गणना, शपथ पत्र संलग्न करने और दस्तावेजों की सटीकता सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
इस बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम सहित अन्य अभियंता और अधिकारी भी मौजूद रहे। नई व्यवस्था लागू होने से आम जनता को नक्शा स्वीकृति में होने वाली देरी से बड़ी राहत मिलेगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।



