लखनऊ नगर निगम का सफाई मॉडल ध्वस्त, LSA पर गाज जरूरी

लखनऊ में कूड़ा प्रबंधन फेल, LSA बनी लापरवाही की पहचान
लखनऊ की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक गंदगी और अवैध कूड़ा स्थलों ने शहर की पहचान को दागदार कर दिया है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात जैसा ही है। जिम्मेदारी जिस #LSA फर्म को दी गई, उसके कर्मियों की मौजूदगी ढूँढने से भी नहीं मिलती। सफाई का नाम सिर्फ कागजों और जुर्माना आदेशों तक सिमटकर रह गया है।
स्टेट हाइवे कुर्सी रोड पर साइकिल ट्रैक को अवैध कूड़ा स्थल में तब्दील कर दिया गया है, जो साफ दर्शाता है कि जोन-7 में अफसरों और LSA की मिलीभगत से गंदगी का कारोबार फल-फूल रहा है। सफाई वाहनों की मौजूदगी सिर्फ दिखावे तक सीमित है, जबकि डिवाइडर और किनारे की मोटी मिट्टी साफ करती है कि हकीकत क्या है।
ग्रेटर लखनऊ जन कल्याण महासमिति के महासचिव विवेक शर्मा ने उठाई आवाज
लखनऊ नगर निगम हर महीने करोड़ों रुपये साफ-सफाई पर खर्च कर रहा है, लेकिन धरातल पर व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। अब तो हालात यह हैं कि जगह-जगह बजबजाते कूड़े के ढेर संक्रामक रोगों को दावत दे रहे हैं। शहर की सेहत बचाने के लिए ज़रूरी है कि लापरवाह फर्म पर कड़ी कार्रवाई हो और जिम्मेदार अफसरों से भी जवाब तलब किया जाए।
बड़े बड़े जुर्माने के बाद भी नही लग रहा लगाम
हालांकि जोन सात के जोनल सेनेटरी अफसर ने अब तक तकरीबन 10 लख रुपए तक का जुर्माना साफ सफाई का काम देख रही कंपनी पर लगा चुके हैं यही नहीं ज़ोन 8 के अपर नगर आयुक्त डॉ अरविंद कुमार राव ने भी लायन एनवायरमेंट कंपनी के ऊपर एक दिन में 5 लाख का जुर्माना लगाया था अब सवाल यह उठता है कि जब इतना बड़ा बड़ा जुर्माना सफाई कंपनियों पर लगाया जा रहा है तो कहीं ना कहीं कमी जरूर उजागर हो रही है अब देखना यह होगा कि क्या इस कंपनी को भी ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाएगा



