चौक के काली मंदिर पास खुले नाले में गिरा बुजुर्ग, स्थानीय लोगों ने बचाई जान
लखनऊ नगर निगम की लापरवाही पड़ी भारी — फिर खुला नाला, फिर हादसा, फिर वही चुप्पी

📰 लखनऊ नगर निगम की लापरवाही पड़ी भारी — फिर खुला नाला, फिर हादसा, फिर वही चुप्पी
चौक के काली मंदिर पास खुले नाले में गिरा बुजुर्ग, स्थानीय लोगों ने बचाई जान
रितेश श्रीवास्तव-ऋतुराज
लखनऊ, 19 जुलाई 2025 | विशेष संवाददाता
राजधानी लखनऊ में नगर निगम की लापरवाही ने एक बार फिर हादसे को न्योता दे दिया। चौक क्षेत्र स्थित काली मंदिर के पास कई दिनों से खुला पड़ा नाला हादसे का कारण बन गया। देर रात एक बुजुर्ग स्कूटी सवार नाले में गिर पड़े। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सीढ़ी के सहारे बुजुर्ग को बाहर निकाला, वरना यह हादसा भी किसी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकता था।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस नाले की शिकायतें कई बार नगर निगम के ज़ोन-6 अभियंताओं को दी जा चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है। निगम आयुक्त के आदेशों की ज़मीनी अमलदारी का हाल यह है कि अधिकारी अपनी सीट से हिलने को तैयार नहीं, जबकि जनता नालों में गिरने को मजबूर है।
ठाकुरगंज की घटना से भी नहीं ली सीख
कुछ दिन पहले ही ठाकुरगंज क्षेत्र में एक व्यक्ति खुले नाले में बह गया था, जिसकी लाश अगले दिन कई किलोमीटर दूर बरामद हुई थी। तब भी नगर निगम ने कोई सबक नहीं लिया और अब चौक में फिर वैसा ही मंजर दोहराया गया।
🚨 सवालों के घेरे में जोन-6 का इंजीनियरिंग विभाग
नगर निगम के जोन-6 का इंजीनियरिंग विभाग हादसों का बड़ा कारण बनता जा रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों नहीं इन अधिकारियों पर कोई जिम्मेदारी तय की जा रही? क्यों हर बार जनता ही इसकी कीमत चुकाए?
🗣 जनता पूछ रही है:
“कब तक नगर निगम के अफसर कुर्सी पर बैठे रहेंगे और जनता नालों में गिरती रहेगी?
🤦♂️ मुख्यमंत्री के सपनों में पलीता
एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता को सुविधाएं देने की बात कर रहे हैं, वहीं उनके अधीनस्थ विभाग उनके मंसूबों पर पानी — या कहिए गटर का पानी — फेरने में लगे हैं। ऐसे में स्मार्ट सिटी की बात करना महज़ एक दिखावा लगता है।
👉 क्या खुले नाले अब भी इंतज़ार करेंगे किसी और जान के नुकसान का?
👉 जिम्मेदारों पर कब होगी कार्रवाई?
👉 लापरवाही का यह सिलसिला आखिर कब तक?



