वाराणसी में भीड़ प्रबंधन के लिए नगर निगम का बड़ा कदम

एशिया का इकलौता चयनित शहर बना वाराणसी, टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन करेगी कार्य
वाराणसी – भीड़ प्रबंधन की दिशा में वाराणसी नगर निगम ने एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। वाराणसी एशिया का पहला और इकलौता शहर बन गया है, जिसे टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा इस परियोजना के लिए चुना गया है। इस पहल के तहत वाराणसी में पैदल यात्रियों और यातायात प्रबंधन को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने की योजना बनाई गई है।
विश्व स्तर पर केवल तीन शहरों – वाराणसी (भारत), वेनिस (इटली) और डिट्रॉइट (अमेरिका) को इस परियोजना के लिए चुना गया है। टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन इस प्रोजेक्ट पर 3 मिलियन डॉलर (लगभग 25 करोड़ रुपये) खर्च करेगी।
भीड़ प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का चयन
इस प्रोजेक्ट के लिए विश्व स्तरीय 10 कंपनियों का चयन किया गया है, जो भीड़ प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने में सहयोग करेंगी। इन कंपनियों में शामिल हैं – सिटीडेटा इंक, फैक्टल एनालिटिक्स लिमिटेड, ग्रेमैटिक्स, आर्केडिश, इंटपिक्सेल लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रमेय कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, स्मार्टविज लिमिटेड, स्टीयर डेविस एंड ग्लीव लिमिटेड, द अर्बनाइजर और टियामी नेटवर्क्स।
ये कंपनियां स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम निगरानी, डिजिटल नेविगेशन, मशीन लर्निंग, थ्रीडी सेंसर, पूर्वानुमान और पूर्वाकलन तकनीकों का उपयोग करके वाराणसी में भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाएंगी।
नगर आयुक्त और महापौर ने दी शुभकामनाएं
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इस परियोजना को वाराणसी के लिए ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह पहल धार्मिक नगरी वाराणसी में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करेगी।
महापौर अशोक कुमार तिवारी ने वाराणसी के विश्वस्तरीय पहचान पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह शहर की प्रतिष्ठा और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन और चयनित कंपनियों का धन्यवाद किया और कहा कि इस परियोजना से शहरवासियों को अत्यधिक लाभ मिलेगा।
वाराणसी में शुरू हो चुका है प्रारंभिक कार्य
टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन ने पिछले वर्ष से ही वाराणसी में परीक्षण कार्य शुरू कर दिया था। इस दौरान शहर की जनसंख्या, यातायात प्रणाली और पैदल यात्रियों के आवागमन का गहन अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के आधार पर वाराणसी को इस अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त पाया गया।
भीड़ नियंत्रण में क्या होगा नया?
इस परियोजना के तहत –
✅ स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और सेंसर आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
✅ रियल-टाइम डेटा एनालिटिक्स के जरिए भीड़ प्रबंधन किया जाएगा।
✅ पैदल यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए विशेष तकनीक का उपयोग होगा।
✅ मशीन लर्निंग और AI आधारित पूर्वानुमान तकनीक से यातायात सुचारू बनाया जाएगा।
✅ भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में डिजिटल नेविगेशन प्रणाली विकसित की जाएगी।
यह प्रोजेक्ट वाराणसी के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भीड़ नियंत्रण में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। इस पहल से वाराणसी के नागरिकों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा।