मानवीय संवेदनाओं को समझने वाले अफसर वास्तव में बहुत कम अफसर होते हैं…ऐसे अफसर जो न केवल अपने कार्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं, बल्कि वे लोगों की भावनाओं और जरूरतों को भी समझते हैं। जिसका जीता जागता प्रमाण लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह है जिन्होंने मानवता की एक ऐसी मिशाल पेश की है जिसको लेकर के पूरे प्रदेश में चर्चा है-दरसल नगर आयुक्त लखनऊ ने मंगलवार को एक ब्यक्ति के शव को पूरे विधि विधान से बैकुण्ठ धाम में अंतिम संस्कार करवाया जानकारी यह मिल रही है कि मृतक के बेटा अपने पिता को छोड़ भाग गया था लावारिस स्थिति में नगर निगम की सहभागिता से कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया गया जिसको लेकर नगर आयुक्त की हर जगह तारिफ हो रही है ,उनके इस महान कार्य की सराहना स्टार न्यूज़ भारत भी करता है
ऐसे अफसरों की कुछ विशेषताएं होती हैं:
1. संवेदनशीलता: वे लोगों की भावनाओं और जरूरतों को समझते हैं। 2. सहानुभूति: वे लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उनकी मदद करने का प्रयास करते हैं। 3. न्यायप्रियता, वे न्यायप्रियता के साथ काम करते हैं और लोगों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं। 4. संचार कौशल: वे अच्छे संचार कौशल के साथ लोगों के साथ बातचीत करते हैं।
ऐसे अफसरों की उपस्थिति से न केवल लोगों को मदद मिलती है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी लाता है।
ऐसी ही सभी खूबियों वाले अफसरों में शुमार..राजधानी लखनऊ में कार्यरत..#LMC नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह..
जिन्होंने अपनी चिरपरिचित कार्यशैली से शहर के आमजन मानस के दिलों में विशेष स्थान भी प्राप्त कर लिया है..
..कल (मंगलवार) सुबह किसी ने नगर आयुक्त को अज्ञात व्यक्ति का शव (जिसको उसका पुत्र ही झोपडी में छोड़ कर भाग गया) होने की जानकारी दी..तत्काल ही अपने महकमे के आला अफसरों/कर्मियों के साथ पहुंच कर..एक पुत्र की भांति..शव का पंचनामा व क्रिया-क्रम/अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण कराया
प्रशासनिक सेवा के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों का आदर्श भी प्रस्तुत कर दिया..
ग्रेटर लखनऊ जनकल्याण महासमिति के महासचिव विवेक शर्मा ने कहा कि नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के इस सहानुभूति पूर्ण/पुनीत कार्य की मुक्त कंठ से जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम होगी..