आईजीआरएस पर भेजे पत्र से खुली हकीकत: बहुखंडीय आवासीय परिसरों में बढ़ते अपराध, पुलिस सत्यापन की दरकार
सत्यापन ना होने से बढ़ रही हैं घटनाएं

आईजीआरएस पर भेजे पत्र से खुली हकीकत: बहुखंडीय आवासीय परिसरों में बढ़ते अपराध, पुलिस सत्यापन की दरकार
लखनऊ, 24 जुलाई 2025: राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में बने बहुखंडीय आवासीय परिसरों में अब अपराधियों को सुरक्षित पनाह मिलती जा रही है। समाजसेवी विवेक शर्मा ने इस गम्भीर मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र IGRS पोर्टल (शिकायत संख्या 19062023) के माध्यम से भेजा है, जिसमें इन अपार्टमेंट्स में बढ़ते अपराधों, पुलिस की निष्क्रियता और किरायेदार सत्यापन की अनदेखी को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चोरियां, चैन स्नेचिंग, देह व्यापार, गोलीकांड और हत्याएं जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी बहुखंडीय आवासीय परिसरों को शरणस्थली के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। फ्लैट मालिक मामूली किराये के लालच में बिना पुलिस सत्यापन के किरायेदारों को रहने दे रहे हैं, जिससे अपराधी पुलिस की निगाहों से बचकर आसानी से छुप जाते हैं।
पुलिस सत्यापन ना होने से बढ़ रही हैं घटनाएं
विवेक शर्मा ने बताया कि अपार्टमेंट सिस्टम की वजह से एक फ्लैट में कौन रह रहा है, इसकी जानकारी पड़ोसी को भी नहीं होती, और किसी घटना पर कोई बोलने को तैयार नहीं होता। नतीजतन, देह व्यापार, चोरी, ठगी, दबंगई जैसी घटनाएं आम हो चली हैं।
गुडंबा पुलिस ने की थी शुरुआत, पर रुकी कार्रवाई
शिकायत संख्या IGRS 19062023 के तहत गुडंबा थाना पुलिस ने कभी सृष्टि अपार्टमेंट में गश्त की शुरुआत जरूर की थी, लेकिन उसके बाद किसी भी अधिकारी या विभाग ने इस पर कोई स्थायी कार्ययोजना नहीं बनाई, न ही अपार्टमेंट निवासियों के साथ कोई उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
समाधान के लिए सुझाव
विवेक शर्मा ने सरकार से मांग की है कि:
- प्रत्येक बहुखंडीय परिसर में क्षेत्रीय थाना प्रभारी द्वारा RWA सदस्यों के साथ प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए।
- सभी फ्लैट मालिकों को पुलिस सत्यापन के बिना फ्लैट किराए पर ना देने का सख्त निर्देश जारी किया जाए।
- उल्लंघन की स्थिति में फ्लैट मालिक को भी अपराध में भागीदार माना जाए।
- थानों में किरायेदार सत्यापन के लिए अलग पटल (डेस्क) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जनहित में मांग
यह मांग केवल सृष्टि अपार्टमेंट या जानकीपुरम क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि प्रदेश भर के बहुखंडीय आवासीय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर है। यदि समय रहते इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो अपराधियों को मिलने वाली यह ‘शहरी शरणस्थली’ पूरे समाज के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।



