November 21, 2024

राधारानी की नगरी बरसाना और आसपास के गावों से अंध्रता निवारण की चालू होगी नई योजना

1 min read

 

राधारानी की नगरी बरसाना और आसपास के गावों से अंध्रता निवारण की चालू होगी नई योजना

 

 

मथुरा।राधा रानी की नगरी बरसाना और उसके आसपास के गावों से अंध्रता निवारण का संकल्प ले चुके भक्ति वेदान्त अस्पताल मुम्बई के चिकित्सक और उनसे जुड़े वालेन्टियर्स ने कार्यक्रम को और गति देने के लिए एक योजना तैयार की है।

इस अस्पताल की टीम ने बरसाना और उसके आसपास के गांवों से अंध्रता निवारण के लिए 1992 में संकल्प लेकर शिविर लगाकर मोतियाबिन्द के आपरेशन करना शुरू किया था किंतु उनके तीन दशक से अधिक समय के सतत प्रयासों के बावजूद लगभग 40 हजार रोगियों का बैकलाग समाप्त होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है।भक्ति वेदान्त अस्पताल के ट्रस्टी /निदेशक डा0 शानभाग ने बताया कि इस कार्यक्रम को गति देने के लिए बरसाना में ही एक बड़ा अस्पताल बनाया जा रहा है जो आगामी 6 माह से कम समय में कार्यरत हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में आंखों के इलाज के साथ ही अन्य रोगों की चिकित्सा की भी व्यवस्था होगी तथा उसके बाद पहले साल कम से कम पांच हजार और उसके बाद कम से कम दस हजार मोतियाबिन्द के आपरेशन करना संभव हो सकेगा। अस्पताल में एक रिसर्च यूनिट भी स्थापित की जाएगी जो इस बात का पता करेगी कि बरसाना और उसके आसपास के 110 गावों में इतना तेजी से मोतियाबिन्द क्यों फैल रहा है तथा कारणों का पता चलने के बाद उस दिशा में भी प्रयास होंगे।
वर्तमान में बरसाना में इस अस्पताल का वार्षिक निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर चल रहा है जो 20 फरवरी तक चलेगा।शिविर में पत्रकारों के एक दल को आज डा0 शानभाग ने बताया कि राधारानी का आशीर्वाद पाने के लिए ही उन्होंने ब्रजवासियों की सेवा करने का मार्ग चुना है।उनका कहना था कि राधारानी की कृपा से शिविर की गुणवत्ता के कारण ब्रजवासियों के साथ ही इस शिविर में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक के मरीज आ रहे हैं।
शिविर के प्रोजेक्ट कार्यक्रम के निदेशक डा0 वेंकट ने बताया कि उनकी योजना बरसाना और उसके आसपास के 110 गावों से अघ्रता निवारण की है।उनका कहना था कि एक अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में हर साल सात हजार से अधिक लोग मोतियाबिन्द के शिकार हो जाते हैं । भक्ति वेदान्त क्षेत्र की अंध्रता को दूर करने के लिए हर साल शिविर तो लगाता ही है साथ ही एक आधुनिक धर्मशाला को किराये पर लेकर उसे अस्पताल का स्वरूप देकर वर्ष पर्यन्त मोतियाबिन्द के आपरेशन किये जाते हैं।
उनका कहना था कि 6 माह बाद अस्पताल के चालू होने के पर कार्यक्रम को गति मिलेगी तथा हर गांव में टीम जाएगी तथा उसे मोतियाबिन्दरहित गांव बनाया जाएगा।उन्हेांने बताया कि 2011 से शिविर में दंत चिकित्सा कार्यक्रम को और शुरू कर दिया गया है जिसमें दांत से संबंधित रोगों का इलाज करने के साथ साथ उन लोगों को नकली दांतों का सेट भी मुफ्त में दिया जाता है जिनकों इनकी आवश्यकता है ।इसके साथ ही मोतियाबिन्द करानेवाले मरीजों को निःशुल्क 40 दिन की दवा, चश्मे, कंबल, मोजे देने के साथ ही उन्हें तथा उनके तीमारदारों को शिविर के दौरान निःशुल्क आवास एव भोजन दिया जाता है। उनका मानना है कि अस्पताल बन जाने पर इस कार्यक्रम को भी गति मिलेगी।

मथुरा।राधा रानी की नगरी बरसाना और उसके आसपास के गावों से अंध्रता निवारण का संकल्प ले चुके भक्ति वेदान्त अस्पताल मुम्बई के चिकित्सक और उनसे जुड़े वालेन्टियर्स ने कार्यक्रम को और गति देने के लिए एक योजना तैयार की है।

इस अस्पताल की टीम ने बरसाना और उसके आसपास के गांवों से अंध्रता निवारण के लिए 1992 में संकल्प लेकर शिविर लगाकर मोतियाबिन्द के आपरेशन करना शुरू किया था किंतु उनके तीन दशक से अधिक समय के सतत प्रयासों के बावजूद लगभग 40 हजार रोगियों का बैकलाग समाप्त होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है।

भक्ति वेदान्त अस्पताल के ट्रस्टी /निदेशक डा0 शानभाग ने बताया कि इस कार्यक्रम को गति देने के लिए बरसाना में ही एक बड़ा अस्पताल बनाया जा रहा है जो आगामी 6 माह से कम समय में कार्यरत हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में आंखों के इलाज के साथ ही अन्य रोगों की चिकित्सा की भी व्यवस्था होगी तथा उसके बाद पहले साल कम से कम पांच हजार और उसके बाद कम से कम दस हजार मोतियाबिन्द के आपरेशन करना संभव हो सकेगा।

अस्पताल में एक रिसर्च यूनिट भी स्थापित की जाएगी जो इस बात का पता करेगी कि बरसाना और उसके आसपास के 110 गावों में इतना तेजी से मोतियाबिन्द क्यों फैल रहा है तथा कारणों का पता चलने के बाद उस दिशा में भी प्रयास होंगे।

वर्तमान में बरसाना में इस अस्पताल का वार्षिक निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर चल रहा है जो 20 फरवरी तक चलेगा।शिविर में पत्रकारों के एक दल को आज डा0 शानभाग ने बताया कि राधारानी का आशीर्वाद पाने के लिए ही उन्होंने ब्रजवासियों की सेवा करने का मार्ग चुना है।

उनका कहना था कि राधारानी की कृपा से शिविर की गुणवत्ता के कारण ब्रजवासियों के साथ ही इस शिविर में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक के मरीज आ रहे हैं।

शिविर के प्रोजेक्ट कार्यक्रम के निदेशक डा0 वेंकट ने बताया कि उनकी योजना बरसाना और उसके आसपास के 110 गावों से अघ्रता निवारण की है।

उनका कहना था कि एक अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में हर साल सात हजार से अधिक लोग मोतियाबिन्द के शिकार हो जाते हैं । भक्ति वेदान्त क्षेत्र की अंध्रता को दूर करने के लिए हर साल शिविर तो लगाता ही है साथ ही एक आधुनिक धर्मशाला को किराये पर लेकर उसे अस्पताल का स्वरूप देकर वर्ष पर्यन्त मोतियाबिन्द के आपरेशन किये जाते हैं।

उनका कहना था कि 6 माह बाद अस्पताल के चालू होने के पर कार्यक्रम को गति मिलेगी तथा हर गांव में टीम जाएगी तथा उसे मोतियाबिन्दरहित गांव बनाया जाएगा।उन्हेांने बताया कि 2011 से शिविर में दंत चिकित्सा कार्यक्रम को और शुरू कर दिया गया है जिसमें दांत से संबंधित रोगों का इलाज करने के साथ साथ उन लोगों को नकली दांतों का सेट भी मुफ्त में दिया जाता है जिनकों इनकी आवश्यकता है ।इसके साथ ही मोतियाबिन्द करानेवाले मरीजों को निःशुल्क 40 दिन की दवा, चश्मे, कंबल, मोजे देने के साथ ही उन्हें तथा उनके तीमारदारों को शिविर के दौरान निःशुल्क आवास एव भोजन दिया जाता है। उनका मानना है कि अस्पताल बन जाने पर इस कार्यक्रम को भी गति मिलेगी।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *