April 7, 2025

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में 5000 महिला संविदा परिचालकों की भर्ती

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लखनऊ, 04 अप्रैल 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के परिवहन निगम में लगभग 5000 महिला संविदा परिचालकों की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर की जा रही है, जिसकी जानकारी परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दयाशंकर सिंह ने दी।

राज्यमंत्री ने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत महिला अभ्यर्थियों को सीधे इंटरमीडिएट में मेरिट के आधार पर संविदा परिचालक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। आवेदन के लिए इंटरमीडिएट की शैक्षिक योग्यता और सीसीसी (CCC) कंप्यूटर प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है।

योग्यता के विशेष बिंदु:

महिला अभ्यर्थी यदि एनसीसी ‘बी’ सर्टिफिकेट, एनएसएस प्रमाणपत्र, भारत स्काउट एवं गाइड संस्था के राज्य/राष्ट्रपति पुरस्कार की धारक हैं, तो उन्हें मेरिट में 5% वेटेज का लाभ मिलेगा।

आवेदिका को उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन या कौशल विकास मिशन की सदस्यता होनी चाहिए।

स्थानीय महिलाओं को प्राथमिकता:
राज्यमंत्री ने बताया कि सभी महिला परिचालकों को उनके गृह जनपद के अंतर्गत आने वाले डिपो में ही नियुक्त किया जाएगा, जिससे उन्हें कार्य स्थल पर सुविधा मिल सके।

रोजगार मेलों का आयोजन:
भर्ती प्रक्रिया के तहत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 8 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2025 तक रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रवार तिथियां इस प्रकार हैं:

08 अप्रैल: गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, अयोध्या, वाराणसी

11 अप्रैल: मेरठ, इटावा, हरदोई, देवीपाटन, आजमगढ़

15 अप्रैल: सहारनपुर, झांसी, कानपुर, चित्रकूटधाम, बांदा, प्रयागराज

17 अप्रैल: नोएडा, आगरा, मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर

पूर्व में फरवरी 2025 में प्रस्तावित यह मेले महाकुंभ-2025 के चलते स्थगित किए गए थे।

ऑनलाइन आवेदन सुविधा भी उपलब्ध:
महिलाएं परिवहन निगम की वेबसाइट www.upsrtc.com पर जाकर क्षेत्रवार लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। प्रमाणपत्रों का सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जाएगा।

प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित:
परिवहन मंत्री ने कहा कि महिला अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर परिवहन निगम स्वयं प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा और प्रशिक्षण व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग संबंधित मिशनों से की जाएगी।

सरकार का उद्देश्य:
यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण को बल देगी, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी। राज्य सरकार की यह योजना महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित होगी।

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