जनहित के लिए लड़ता एक और भगीरथ- विवेक शर्मा
जनसेवा ही है अब मेरा कर्तब्य-विवेक शर्मा- पिता के आदर्शों पर चलकर करेंगे जनता की निस्वार्थ सेवा
जब जनप्रतिनिधि और सरकारी महकमा अपनी जिम्मेदारी से न्याय नहीं करते तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सही मायनो में जनप्रतिनिधि भी है और समाजसेवा के माध्यम से ऐसे ऐसे काम कोउसके अंजाम तक पहुंचा देते है जो आज के सिस्टम और व्यवस्था को देखते हुए लगभग असंभव होता है। पर उनका भागीरथी प्रयास उस काम को भी पूरा करके ही दम लेता है।
समाजसेवी विवेक शर्मा आज लखनऊ में ही नहीं पूरे प्रदेश की समस्याओ के लिए लड़ते हुए नज़र आते हैं। अभी हाल का ही वाक्य ले ले लेते हैं वो लगातार अवैध कट के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर भी गंभीर होते हुए इन कटो को बंद करने की लगातार मांग करते नज़र आते हैं। दो दिन पहले बाराबंकी में स्कूल बस के साथ हुए हादसे में मरने वाले चार बच्चों और घायल बच्चों का क्या कसूर था जो वो पिकनिक उन नौनिहालों की आखिरी पिकनिक साबित हुई जो वो लखनऊ चिड़ियाघर से मनाकर बाराबंकी लौट रहे थे। और हादसे का कारण अवैध कट और तेज रफ़्तार थी।
बैसे अगर बात की जाये बाराबंकी जिले के ही अवैध कटो की तो वहां 17 अवैध कट बने हुए है जिनके कारण तीन सालो में लगभग ग्यारह सौ लोगो की जान चली जाती है। इसी संवेदनशील व्यवस्था को देखते हुए समाजसेवी विवेक शर्मा ने इस मामले को सरकार और पीडब्लूडी विभाग के संज्ञान में लाकर इसकी दिशा में कदम आगे बढ़वाते हुए बाराबंकी के एक अवैध कट और उस खतरनाक रोड को दुरुस्त कराने की व्यवस्था को सरकारी मंजूरी दिला दी है।
अब कम से कम मानव जीवन की रक्षा की जा सकेगी
उनके द्वारा किये जा रहे भागीरथी प्रयासों को मेरा साधुवाद



