एलडीएः एयरपोर्ट के पीछे 50 अवैध रो-हाउस भवन, मड़ियांव व सैरपुर में 02 व्यावसायिक निर्माण सील
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लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के क्रम में शनिवार को प्रवर्तन जोन-2 की टीम ने बिजनौर में चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पीछे अवैध रूप से बनाये जा रहे 50 रो-हाउस भवनों को सील किया। वहीं, प्रवर्तन जोन-4 की टीम ने मड़ियांव व सैरपुर क्षेत्र में 02 अवैध व्यावसायिक निर्माण सील किये।
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि राधेश्याम ओझा व अन्य द्वारा चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पीछे बिजनौर में लगभग 10,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 50 रो-हाउस भवनों का निर्माण कराते हुए अवैध कालोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण से ले-आउट व मानचित्र स्वीकृत कराये बिना किये जा रहे उक्त निर्माण कार्य के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए पूर्व में सीलिंग की कार्यवाही करायी गयी थी। इसके बाद भी विकासकर्ता द्वारा स्थल पर चोरी-छुपे निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
प्रवर्तन दल की जांच में निर्माण कार्य प्रचलित पाये जाने पर पुनः कार्यवाही के आदेश पारित किये गये थे। जिसके अनुपालन में शनिवार को जोनल अधिकारी के नेतृत्व में अवर अभियंता विपिन बिहारी राय व एस0के0 सिंह द्वारा प्राधिकरण पुलिस व स्थानीय थाने के पुलिस बल के सहयोग से स्थल पर निर्माण कार्य बंद कराते हुए भवनों को सील कर दिया गया।
*मड़ियांव व सैरपुर में दो व्यावसायिक निर्माण सील*
प्रवर्तन जोन-4 के जोनल अधिकारी रवि नंदन सिंह ने बताया कि अशफाक अली व अन्य द्वारा मड़ियांव के भगवती विहार फेस-2 में एलजी गोदाम वाली गली में लगभग 1900 वर्गफिट क्षेत्रफल के भूखण्ड पर व्यावसायिक निर्माण कराया जा रहा था। इसके अलावा लल्लूराम, कृष्णा बाबू व अन्य द्वारा सैरपुर थानाक्षेत्र के अंतर्गत रैथा रोड पर छठामील तिराहा के पास लगभग 5500 वर्गफिट क्षेत्रफल के भूखण्ड पर व्यावसायिक काॅम्पलेक्स का निर्माण कराया जा रहा था। प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराये बिना अवैध रूप से किये जा रहे इन निर्माण कार्यों के विरूद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए सीलिंग के आदेश पारित किये गये थे। जिसके अनुपालन में सहायक अभियंता शिवा सिंह के नेतृत्व में अवर अभियंता भरत पाण्डेय व प्रमोद कुमार पाण्डेय द्वारा उक्त दोनों निर्माणों को सील कर दिया गया।